बिहार में आपराधिक घटनाओं की बढ़ती संख्या को लेकर कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। राज्य में हत्या की वारदातें लगातार सामने आ रही हैं, जिसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमला कर रहा है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी प्रदेश में बढ़ते अपराध पर चिंता जताई है।
दरअसल, बीते शुक्रवार को चिराग पासवान को सोशल मीडिया के माध्यम से जान से मारने की धमकी मिली थी, जिसमें उन्हें 20 जुलाई से पहले बम से उड़ा देने की बात कही गई। इस धमकी के बाद चिराग ने सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि “बिहारी और कितनी हत्याओं का शिकार बनेंगे?”
जीतन राम मांझी ने चिराग के बयान पर दी प्रतिक्रिया
चिराग के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि कभी-कभी भरोसेमंद लोग भी स्थिति की गंभीरता को पूरी तरह नहीं समझ पाते और जल्दबाज़ी में बयान दे बैठते हैं। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान एनडीए के सम्मानित और अच्छे नेता हैं, लेकिन युवा होने के कारण कई बार वे अतीत की घटनाओं को अनदेखा कर देते हैं।
मांझी ने अभिमन्यु के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा, “अभिमन्यु योद्धा था लेकिन उसकी कुछ सीमाएं थीं, वह चक्रव्यूह में उतरते समय संपूर्ण रणनीति नहीं समझ पाया। उसी प्रकार, चिराग को भी कोई भी बयान देने से पहले अतीत, वर्तमान और भविष्य तीनों पहलुओं पर विचार करना चाहिए।”
‘अपराध पहले भी होते थे, फर्क प्रतिक्रिया में है’
मांझी ने यह भी कहा कि वर्ष 2005 से पहले बिहार में जब अपराध होते थे तो अक्सर अपराधी कानून की पकड़ में नहीं आते थे, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार अपराधों पर त्वरित कार्रवाई करती है, जिससे अपराधियों में भय है। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि घटनाएं हो रही हैं, लेकिन इन पर सरकार की प्रतिक्रिया निर्णायक होती है।
‘लालू यादव को टिप्पणी का हक नहीं’
राज्य में अपराध को लेकर विपक्षी नेताओं की आलोचना पर मांझी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को इस विषय पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने दावा किया कि बिहार की कानून-व्यवस्था अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा खराब नहीं है और सरकार इस दिशा में गंभीरता से कार्य कर रही है।
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वर्तमान में सामने आ रही कई घटनाएं राजनीति से प्रेरित हो सकती हैं और प्रश्न उठाया कि अगर यही घटनाएं पहले नहीं हुईं, तो अब अचानक क्यों हो रही हैं।