पटना। चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या के मामले ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। घटना के बाद राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर कानून-व्यवस्था की समीक्षा की और साफ निर्देश दिया कि अपराधियों के साथ कोई रियायत न बरती जाए। उन्होंने पुलिस प्रशासन से त्वरित और कठोर कार्रवाई करने को कहा है।
मुख्यमंत्री का कड़ा संदेश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस महानिदेशक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि अपराध चाहे जो भी करे, उसे बख्शा नहीं जाएगा। सीएम ने मामले की गहन जांच और जल्द नतीजे देने के निर्देश दिए हैं।
कांग्रेस का सरकार पर हमला
उधर, विपक्ष ने इस हत्याकांड को लेकर सरकार को घेरा है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि बीजेपी शासन में न तो कानून का भय है और न ही नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में अपराधियों का बोलबाला है और सरकार तमाशबीन बनी हुई है। खेड़ा ने दावा किया कि एनडीए के कार्यकाल में राज्य में करीब 65,000 हत्याएं हो चुकी हैं।
‘गुंडाराज’ का आरोप
कांग्रेस ने इस घटना को लेकर बीजेपी के शासन मॉडल पर भी तीखा हमला बोला। खेड़ा ने कहा कि गांधी मैदान जैसे वीआईपी इलाके में दिनदहाड़े व्यापारी की हत्या यह दिखाती है कि राज्य में सुरक्षा व्यवस्था महज दिखावा बनकर रह गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी को आम नागरिकों की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है, उन्हें केवल प्रचार की पड़ी है।
हत्या की पूरी वारदात
घटना शुक्रवार को हुई जब कारोबारी गोपाल खेमका की उनके आवास के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाइक सवार हमलावरों ने उन्हें सिर पर गोली मारी। मौके से पुलिस ने एक खोखा और कारतूस बरामद किया है। सीसीटीवी फुटेज के जरिए हमलावरों की पहचान की कोशिश की जा रही है। बता दें कि इससे पहले, वर्ष 2017 में खेमका के बेटे गुंजन की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
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