पटना गोलीकांड पर पप्पू यादव का निशाना- कहा, बिहार में लगे राष्ट्रपति शासन

पटना के पारस अस्पताल में गुरुवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब चार हमलावरों ने एक मरीज पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान चंदन मिश्रा के रूप में हुई है, जो हत्या के एक मामले में बेउर केंद्रीय जेल में बंद था और इलाज के लिए पैरोल पर बाहर आया हुआ था।

अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी

गोलियों की आवाज से अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। घटना के समय अस्पताल में मौजूद मरीज, स्टाफ और तीमारदारों में भय का माहौल बन गया। हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गए। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है।

सांसद पप्पू यादव को नहीं दी गई प्रवेश की अनुमति

घटना की जानकारी मिलते ही निर्दलीय सांसद पप्पू यादव अस्पताल पहुंचे, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया। इस पर नाराज होकर उन्होंने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला।

‘बिहार में कोई सुरक्षित नहीं’, राष्ट्रपति शासन की मांग

पप्पू यादव ने कहा कि राज्य की स्थिति चिंताजनक हो गई है। “यहां मरीज, डॉक्टर और नर्स भी सुरक्षित नहीं हैं,” उन्होंने कहा। उन्होंने राज्यपाल से बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और आरोप लगाया कि सरकार नाममात्र की है, जबकि सत्ता की बागडोर प्रशासनिक अधिकारियों और भाजपा नेताओं के हाथ में है।

जाति आधारित कार्रवाई का आरोप

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में एनकाउंटर जैसी कार्रवाइयां जातिगत आधार पर की जाती हैं और कई बार निर्दोष लोगों को फंसाया जाता है। “जो असली अपराधी हैं, उन्हें सरकार की शह मिलती है,” उन्होंने कहा।

‘माफिया राज’ का आरोप

पप्पू यादव ने सरकार पर माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि जो लोग माफिया राज खत्म करने की बातें करते हैं, वही दरअसल अपराधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तंज कसते हुए कहा कि वे शासन संचालन में पूरी तरह निष्क्रिय हो चुके हैं।

राज्यपाल से मिलने की बात

उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया है और वह उनसे बिहार की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर राष्ट्रपति शासन लगाने की अपील करेंगे। साथ ही राज्य स्तर पर बैठे शीर्ष अधिकारियों को हटाने की भी मांग करेंगे।

बीते दिनों हुई थी एक और हत्या

गौरतलब है कि चंदन मिश्रा की हत्या की यह घटना कुछ ही दिनों बाद सामने आई है जब कारोबारी गोपाल खेमका की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लगातार हो रही इन वारदातों ने बिहार में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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