सावन के पवित्र महीने में बिहार के लखीसराय जिले में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह द्वारा आयोजित मटन भोज पर राजनीतिक घमासान मच गया है। सूर्यगढ़ा प्रखंड में आयोजित इस भोज को लेकर विपक्ष ने मंत्री पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को लेकर बहस तेज हो गई है, जिसमें ललन सिंह लोगों को मटन पार्टी में आमंत्रित करते हुए नजर आते हैं।
मंच से दिए गए मंत्री के वक्तव्य — “जो सावन मानते हैं, उनके लिए भी प्रबंध है और जो नहीं मानते, उनके लिए भी व्यवस्था की गई है” — को लेकर विपक्ष खासा नाराज़ दिखा। कार्यक्रम में शाकाहारी विकल्प की व्यवस्था भी की गई थी, परन्तु मटन भोज के सार्वजनिक प्रचार ने विवाद को जन्म दे दिया।
विपक्ष ने साधा निशाना
राजद समेत विपक्षी दलों ने इसे हिंदू आस्था का अपमान बताया है। राजद ने वीडियो साझा करते हुए सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि जो खुद को धर्म का रक्षक बताते हैं, वे ही अब धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहे हैं। कांग्रेस नेता बी. वी. श्रीनिवास ने भी भोज का वीडियो पोस्ट करते हुए कटाक्ष किया, “सावन में मोदी-नीतीश की मटन पार्टी! धर्म के स्वयंभू रक्षकों, अब क्या कहोगे?”
पिछले विवाद की भी आई याद
यह विवाद पिछले वर्ष के उस प्रसंग की याद दिलाता है जब पितृपक्ष के दौरान विपक्षी नेताओं पर हेलीकॉप्टर में मछली खाने को लेकर बीजेपी और जदयू ने सवाल उठाए थे। उस समय सत्ताधारी दलों ने इसे धार्मिक परंपराओं का अपमान बताया था, जबकि अब विपक्ष इसी तरह का आरोप सरकार पर मढ़ रहा है।
इस पूरे प्रकरण ने न केवल धार्मिक भावनाओं को राजनीतिक बहस का हिस्सा बना दिया है, बल्कि यह भी दर्शा दिया है कि बिहार की राजनीति में भोजन भी मुद्दा बन सकता है।