बिहार के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अब पत्रों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी लामबंदी की शुरुआत की है। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में चलाए जा रहे विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान को लेकर देशभर के 35 प्रमुख विपक्षी नेताओं को अंग्रेज़ी में पत्र लिखा है।
तेजस्वी ने इस अभियान को गरीब और अशिक्षित वर्ग के मतदाताओं को सूची से बाहर करने की कोशिश करार दिया है। उनका कहना है कि बिहार में यह प्रक्रिया भाजपा सरकार के इशारे पर चलाई जा रही है और आशंका है कि आयोग इसे अन्य राज्यों में भी लागू करने की योजना बना रहा है। इसी आशंका के मद्देनज़र उन्होंने राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी समेत कई बड़े नेताओं से इस मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की है।
पत्र में तेजस्वी ने लिखा, "मैं यह पत्र अत्यंत पीड़ा के साथ लिख रहा हूं। जिस प्रकार मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर लोकतांत्रिक अधिकारों और वोटिंग प्रक्रिया पर कुठाराघात किया जा रहा है, वह बेहद चिंताजनक है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग जैसी स्वतंत्र संस्था भी अब लोकतांत्रिक व्यवस्था की निष्पक्षता को कमजोर करने का काम कर रही है। तेजस्वी के मुताबिक, हर नागरिक अपने मताधिकार पर गर्व करता है और इसमें हस्तक्षेप करना सीधे तौर पर लोकतंत्र को चोट पहुंचाना है।
उन्होंने पत्र के अंत में अपील की है कि जब तक यह प्रक्रिया पारदर्शी और सबको साथ लेकर चलने वाली नहीं बनती, तब तक इसका संगठित विरोध जरूरी है।