पूर्वी चंपारण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर राज्य की राजनीति गरमा गई है। इस मामले पर अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय जनता दल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
तेजस्वी यादव ने घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा, “महात्मा गांधी के विचारों और उनके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए मैं समस्त बिहारवासियों की ओर से तुषार गांधी जी से हाथ जोड़कर क्षमा मांगता हूं। हमें उम्मीद है कि वे हमारी भावना को समझते हुए हमें क्षमा करेंगे।”
राजद ने भाजपा पर साधा निशाना
वहीं, राजद ने घटना के पीछे भारतीय जनता पार्टी का हाथ होने का आरोप लगाया है। पार्टी द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में कथित तौर पर एक भाजपा नेता तुषार गांधी से कार्यक्रम स्थल छोड़ने के लिए कहते हुए नजर आ रहे हैं। राजद ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए लिखा, “बापू की कर्मभूमि चंपारण में उनके परपोते का इस तरह अपमान निंदनीय है। खुद को प्रधानमंत्री की जाति का बताने वाला एक भाजपाई नेता तुषार गांधी को कार्यक्रम से बाहर करने की कोशिश करता है, जो बेहद शर्मनाक है।”
तुषार गांधी का बयान: चंपारण में लोकतंत्र का अपमान
तुषार गांधी ने भी घटना पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह केवल उनका नहीं, बल्कि महात्मा गांधी की विरासत और उनके सिद्धांतों का अपमान है। उन्होंने कहा, “चंपारण में लोकतंत्र की हत्या हुई है।”
बताया गया कि तुषार गांधी 12 जुलाई से चंपारण सत्याग्रह की स्मृति में पश्चिम चंपारण से पदयात्रा पर निकले हैं। रविवार को जब वे तुरकौलिया स्थित ऐतिहासिक नीम के पेड़ के पास पहुंचे, जहां कभी महात्मा गांधी ने किसानों के अधिकार के लिए आंदोलन किया था, तब उन्हें कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया। आरोप है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि विनय साह द्वारा यह कदम उठाया गया।