छत्तीसगढ़ के कोरबा में जिला प्रशासन की टीम ने गुरुवार शाम उरगा इलाके में कई मकानों और दुकानों को ढहा दिया। इसके विरोध में शुक्रवार को भाजपा विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ग्रामीणों के साथ मिलकर हाईवे जाम कर दिया है। आरोप है कि प्रशासन ने बिना मुआवजा और नोटिस दिए उनके मकानों और दुकानों को गिरा दिया। फिलहाल नेशनल हाईवे जाम किए जाने के कारण वाहनों की लंबी लाइन लग गई है। पुलिस और प्रशासन के अफसर मौके पर हैं और लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमार्ग पर चल रहा सड़क निर्माण का काम
जानकारी के मुताबिक, कोरबा-चांपा मुख्यमार्ग पर सड़क निर्माण का काम चल रहा है। इसी के तहत नेशनल हाईवे के पास ग्राम पताड़ी में गुरुवार को प्रशासन की टीम ने कार्रवाई की है। इस दौरान शाम को पहुंची टीम ने गांव में हाईवे से लगते कई मकानों और दुकानों को ढहा दिया। सारी कार्रवाई इतनी तेज हुई कि ग्रामीणों को संभलने तक का मौका नहीं मिला। इन मकानों और दुकानों को तोड़ने के बदले ग्रामीणों को मुआवजा दिया जाना है। आरोप है कि अभी तक मुआवजा नहीं मिला और उनके घरों को तोड़ दिया गया।

हाईवे पर लगी वाहनों की कतार
कार्रवाई से आक्रोशित मकान मालिक और गांववालों ने कोरबा-चांपा मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया है। इसके समर्थन में विधायक ननकीराम कंवर भी ग्रामीणों के साथ चक्काजाम पर बैठे हैं। इसके चलते मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की लगी लंबी कतार लग गई है। चक्का जाम की सूचना पर उरगा थाना पुलिस और जिला प्रशासन की टीम मौके पर है। वे ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीण हटने को तैयार नहीं हैं। मकान मालिकों का आरोप है कि उन्हें मुआवजा नही मिला है। जिन्हें मिला भी है, उन्हें पूरा नहीं मिला है।
न तो मुआवजा मिला, न रहने की व्यवस्था
मकान मालिक नूतन श्रीवास ने बताया कि उनको ना ही मुआवजा मिला है, और ना ही किसी तरह की रहने की व्यवस्था है। वह किसी काम से अपने पत्नी और बच्चों के साथ गिरी ग्राम गए थे। घर में पिताजी अकेले थे। अचानक पता चला कि उनके घर को तोड़ दिया गया है। जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है। वहीं दुर्गा प्रसाद ने बताया कि उन्हें पहली किश्त दी गई, उसके बाद कोई राशि नहीं मिली है। उनके मकान को भी प्रशासन ने तोड़ दिया है। उनका कहना है कि ऐसे में परिवार सहित वे लोग कहां जाएंगे।