रायपुर। अब छत्तीसगढ़ में दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार की खांसी या सर्दी-जुकाम की दवाएं नहीं दी जा सकेंगी। यह निर्देश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की नई एडवाइजरी के बाद जारी किया गया है। प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और सिविल सर्जनों को तुरंत पालन हेतु सख्त निर्देश दे दिए हैं।

आयुक्त स्वास्थ्य सेवाओं ने उच्चस्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला स्तरीय अधिकारियों को कहा कि खांसी और सर्दी जैसी बीमारियों में दवा केवल चिकित्सकीय सलाह के आधार पर दी जाए। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य शिशुओं को संभावित दुष्प्रभावों से बचाना और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में खांसी-जुकाम जैसी सामान्य बीमारियां अधिकांशतः बिना दवा ठीक हो जाती हैं। इस वजह से जनता को भी डॉक्टर की सलाह के बिना दवाओं का प्रयोग न करने के लिए जागरूक किया जाएगा।

औषधि आपूर्ति प्रणाली और निरीक्षण पर कड़ी निगरानी
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (CGMSC) के अनुसार, जिन कंपनियों के खिलाफ अन्य राज्यों में कार्रवाई हुई है, उनकी राज्य में कोई सरकारी आपूर्ति नहीं है और वे CGMSC के डेटाबेस में पंजीकृत भी नहीं हैं।

इसके साथ ही राज्य में औषध निर्माण इकाइयों और निजी फार्मेसियों का निरीक्षण तेज कर दिया गया है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने जोखिम-आधारित निरीक्षण करने के लिए औषधि निरीक्षकों के दल गठित किए हैं। सभी सहायक औषधि नियंत्रकों और औषधि निरीक्षकों को पत्र जारी कर निर्देशित किया गया है कि वे सभी औषधि विक्रय संस्थानों का तत्काल निरीक्षण करें।

स्वास्थ्य विभाग ने अभिभावकों से भी अपील की है कि बिना चिकित्सकीय परामर्श के अपने बच्चों को कोई दवा न दें और किसी भी दवा के प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।