रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) ने इंद्रप्रस्थ में निर्माणाधीन ईडब्ल्यूएस फ्लैट की दोबारा बिक्री शुरू हो गई है। 15 मार्च तक एलआईजी फ्लैट के पुन: आवंटन की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो जाएगी। इनकी दोबारा बिक्री इसलिए करनी पड़ रही है क्योंकि जिनके नाम से आवंटन था, वैसे ढेरों लोगों ने किस्त तक जमा नहीं की। किश्त न मिलने के कारण आरडीए पर करोड़ों का बोझ पड़ा। अब इस पैसे को चुकाने के लिए पुराने आवंटन रद कर इन्हें नए ढंग से बांटने का काम किया जा रहा है।

आरडीए ने इंद्रप्रस्थ कालोनी में ईडब्ल्यूएस के 896 तथा एलआइजी के 944 फ्लैट बनाए हैं। इनके निर्माण के लिए आरडीए ने करोड़ों रुपए का कर्ज लिया था। फ्लैट निर्माण के साथ ही इनका आवंटन कर दिया गया था। आवंटन के पश्चात चार-पांच किश्त पटाने के बाद हितग्राहियों ने आरडीए को पैसे देने बंद कर दिए। इसके कारण आरडीए बैंक का करोड़ों का कर्ज नहीं चुका पा रहा है।

हितग्राहियों को किश्त पटाने के लिए बार-बार कहने और नोटिस देने के बाद अब आरडीए ने कड़ाई शुरू कर दी है। इन फ्लैट्स का पुराना आवंटन रद कर नए ढंग से लाटरी निकाली जा रही है। आरडीए के अधिकारी का कहना है कि प्रथम चरण में एलआइजी के 205 फ्लैट है, जिनकी दोबारा लाटरी निकाली जाएगी।

जानिए कितने फ्लैट का हुआ है निर्माण

इंद्रप्रस्थ कालोनी में 944 एलआइजी और 896 ईडब्ल्यूएस फ्लैट का निर्माण 90 करोड़ की लागत से किया है। योजना आने के बाद सारे फ्लैट की बुकिंग हो गई है, लेकिन ज्यादातर हितग्राहियों द्वारा ईएमआइ की राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। ज्यादातर हितग्राहियों ने दो चार या फिर छह किस्त का ही भुगतान किया है। इस कारण आरडीए का करोड़ों का भुगतान रुक गया है।