नई दिल्ली। दिल्ली सरकार विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं के लिए एक बड़ी पहल करने जा रही है। रेखा गुप्ता सरकार ने 13 हजार रुपये प्रति माह भत्ते के बाद अब उन्हें कश्मीरी संस्कृति, भाषा और विरासत को संरक्षित करने के लिए कश्मीरी अकादमी और संग्रहालय देने की योजना बनाई है।

इस अकादमी में उर्दू, हिंदी, सिंध और पंजाबी अकादमियों की तरह कश्मीर की सांस्कृतिक, धार्मिक और कलात्मक विरासत को संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही एक संग्रहालय भी स्थापित किया जाएगा, जिसमें कश्मीर की हजारों वर्षों पुरानी सांस्कृतिक धरोहरों और पौराणिक महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा।

लंबे समय से मांग थी पूरी होने वाली
जानकारों के अनुसार, अकादमी और संग्रहालय का निर्माण अगले वर्ष के अंत तक शुरू होने की संभावना है। 35 वर्ष पहले पाक समर्थित आतंकवाद के चलते हजारों कश्मीरी हिंदू दिल्ली-एनसीआर में पलायन कर आए थे। उनके लिए यह अकादमी और संग्रहालय उनके साहित्य, भाषा और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की लंबे समय से मांग थी।

कश्मीरी संस्कृति और पौराणिक विरासत पर फोकस
हाल ही में विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के पर्यटन, कला और संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा से मुलाकात की। इस बैठक में अकादमी और संग्रहालय के उद्देश्य और गतिविधियों पर चर्चा हुई। प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय कश्मीरी समाज (एआईकेएस) के अध्यक्ष रवींद्र पंडित सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।

अकादमी में कश्मीरी भाषा, प्राचीन साहित्य, खान-पान, वेशभूषा और अन्य सांस्कृतिक पहलुओं को प्रमुखता दी जाएगी। संग्रहालय में कश्मीरी संस्कृति और पौराणिक सनातनी काल के साथ भारतीय महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। दिल्ली में दो दिवसीय शारदा महोत्सव जैसे आयोजन भी इसी दिशा में होंगे।

हाल में भत्ते में बड़ी राहत
कुछ दिन पहले ही सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले 1,800 कश्मीरी हिंदू परिवारों को प्रति माह 13 हजार रुपये भत्ते का भुगतान शुरू करने का निर्णय लिया। आय सीमा हटाने के बाद 18 महीने से रुका भत्ता जारी होगा और नए आवेदन भी स्वीकार किए जाएंगे। इससे 500 से अधिक परिवारों को लाभ मिलेगा।