दिल्ली विधानसभा चुनावों में हार के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने फ्रंटर संगठन में बड़े बदलाव करने की घोषणा की है. पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने बताया कि इस पुनर्गठन का मुख्य उद्देश्य विधानसभा में एक प्रभावी विपक्ष के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करना है.

राय ने खुलासा किया कि पार्टी ने अपने प्रमुख और अग्रिम विंग्स के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. संचालन को अधिक संगठित और प्रभावी बनाने के लिए पूर्वांचल विंग, ऑटो विंग और महिला विंग सहित अन्य प्रमुख संगठनात्मक इकाइयों के राज्य पदाधिकारियों के साथ बैठकें पहले ही हो चुकी हैं.

उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी का विधायक दल विधानसभा में मुखर रहेगा, जबकि इसके सामाजिक संगठन नवनिर्वाचित सरकार को उनके चुनावी वादों के लिए जवाबदेह ठहराने का कार्य करेंगे.

फ्रंटल संगठनों का होगा पुनर्गठन

प्रेस वार्ता में गोपाल राय ने कहा, “चुनाव परिणामों के बाद हमने पार्टी के सभी फ्रंटल संगठनों के प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें पूर्वांचल विंग, ऑटो विंग और महिला विंग सहित अन्य संगठन शामिल थे। हमने मुख्य विंग के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और इसी तरह अन्य इकाइयों का भी पुनर्गठन किया जाएगा.”

उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी का विधायक दल विधानसभा में अपनी आवाज बुलंद करेगा, जबकि समाज में पार्टी के विभिन्न संगठन सरकार से चुनावी वादों पर जवाब मांगेंगे. आप एक मजबूत और सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है.

यह पुनर्गठन उस समय किया जा रहा है जब दिल्ली में आप और नवनिर्वाचित भाजपा सरकार के बीच राजनीतिक टकराव जारी है. आम आदमी पार्टी ने भाजपा की पहली कैबिनेट बैठक में महिलाओं के लिए 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता योजना को शामिल न करने को लेकर कड़ी आलोचना की है, जिसे भाजपा ने अपने चुनावी वादों में शामिल किया था.

नेता प्रतिपक्ष पर 24 फरवरी को होगा फैसला

इसके अलावा, पार्टी की विपक्ष की भूमिका को मजबूत करने की योजना केवल संगठनात्मक बदलावों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) की औपचारिक घोषणा भी शामिल है. राय ने बताया कि 24 फरवरी को सभी आप विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद नेता प्रतिपक्ष की घोषणा की जाएगी.

गोपाल राय, प्रियंका कक्कड़ और आतिशी समेत आप नेताओं ने भाजपा पर चुनावी वादों से मुकरने और दिल्ली की महिलाओं की जरूरतों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है, उन्होंने भाजपा के हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पूर्व प्रदर्शन का हवाला देते हुए इसे टूटे वादों का एक और उदाहरण बताया.