नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई पर कथित रूप से जूता फेंकने की कोशिश को लेकर समाज में तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। सीजेआई की मां कमलाताई गवई ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेकर अराजकता फैलाने का अधिकार नहीं है। उनका कहना था कि संविधान के निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने “आप जीएं और दूसरों को भी जीने दें” के सिद्धांत पर इसे आधारित किया है और सभी को अपने मतभेदों को शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से सुलझाना चाहिए।
सीजेआई की बहन कीर्ति गवई ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “कल की घटना केवल व्यक्तिगत हमला नहीं है, बल्कि यह एक जहरीली विचारधारा का प्रतीक है। इस तरह के असंवैधानिक आचरण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। विरोध संविधान और शांतिपूर्ण तरीके से ही दर्ज किया जाना चाहिए ताकि बाबासाहेब के विचारों को कोई आंच न पहुंचे।”
इस मामले में भारतीय विधिज्ञ परिषद (BCI) ने आरोपी वकील राकेश किशोर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। अदालत में हुई इस अभूतपूर्व घटना के दौरान सीजेआई गवई ने शांति बनाए रखी और कोर्ट के अधिकारियों तथा सुरक्षा कर्मियों से कहा कि वे इस मामले को नजरअंदाज करते हुए दोषी वकील को चेतावनी देकर छोड़ दें।
देश के उच्चतम नेताओं ने भी इस हमले की निंदा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीजेआई गवई से बातचीत कर कहा कि इस तरह के कृत्यों के लिए हमारे समाज में कोई जगह नहीं है। उन्होंने न्यायाधीश की शांति बनाए रखने की प्रशंसा भी की। वहीं, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने घटना को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।