मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को सुल्तानपुरी स्थित डीडीए फ्लैट्स का निरीक्षण किया और वहां की जर्जर स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में तैयार किए गए ये फ्लैट्स झुग्गीवासियों के लिए बनाए गए थे, जिन पर अरबों रुपये खर्च किए गए, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और इच्छाशक्ति की कमी के कारण आज तक इन्हें उपयोग में नहीं लाया जा सका।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन फ्लैट्स के लचर रखरखाव के चलते अब दोबारा करोड़ों रुपये खर्च कर मरम्मत करानी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार की प्राथमिकता है कि प्रत्येक झुग्गीवासी को रहने के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक घर मिले। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि बेटियों और बहनों के लिए सुरक्षित वातावरण और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना उनकी सरकार की प्रतिबद्धता है।

रेखा गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार की ‘हर गरीब को घर’ योजना के अनुरूप, दिल्ली सरकार सक्रिय रूप से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने साफ निर्देश जारी किए हैं कि कोई भी एजेंसी किसी झुग्गी को जबरन न तोड़े और पहले पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्षों तक जिन लोगों ने झुग्गीवासियों को घर देने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया, वे अब झुग्गी हटाने पर विरोध कर रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो सरकार 10 लाख मकान बनवाने के लिए तैयार है, ताकि हर नागरिक को बेहतर जीवन और भविष्य मिल सके।

10 लाख लोगों को मिलेगा आवास – दिल्ली सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में लगभग 10 लाख लोगों को आवास की आवश्यकता है। इसी क्रम में उन्होंने सुल्तानपुरी के उन 50 हजार फ्लैट्स का दौरा किया जो कई वर्षों से खराब स्थिति में पड़े हैं। सरकार अब इन फ्लैट्स को पुनः उपयोगी बनाने के विकल्प तलाश रही है ताकि झुग्गियों के बदले पक्का मकान दिया जा सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी घरों में शौचालय, स्नानघर और स्वच्छता की उचित व्यवस्था की जाएगी।

गृह मंत्री आशीष सूद ने भी मुख्यमंत्री के साथ स्थल का दौरा किया और बताया कि प्रधानमंत्री की ‘जहां झुग्गी, वहां मकान’ योजना के तहत दिल्ली सरकार ने बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि झुग्गीवासियों को सम्मानजनक जीवन दिया जाए। सरकार फ्लैट्स की मरम्मत और पुनर्निर्माण कर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को बेहतर आवास प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है।