नई दिल्ली। राजधानी की सभी जिला बार एसोसिएशनों ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के उस आदेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जिसमें पुलिसकर्मियों को थानों से ही अदालतों में सबूत और गवाही पेश करने की अनुमति दी गई है। वकीलों का कहना है कि यह कदम न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करेगा और जनहित के विपरीत है।

बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस अधिसूचना को तुरंत वापस लिया जाए। समिति ने राज्य सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए स्पष्ट किया कि यदि आदेश रद्द नहीं किया गया तो आंदोलन की राह अपनाई जाएगी।

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि यह अधिसूचना न्याय प्रक्रिया को “पंगु” बना सकती है। समिति के अतिरिक्त महासचिव तरुण राणा ने जानकारी दी कि सरकार को औपचारिक ज्ञापन सौंपा जाएगा और जरूरत पड़ने पर वकील सड़क पर उतरकर भी विरोध करेंगे।

गौरतलब है कि उपराज्यपाल ने हाल ही में दिल्ली के 226 थानों को पुलिस गवाही के लिए नामित स्थल घोषित कर दिया था। इस फैसले के बाद पुलिसकर्मियों को अदालत में पेश होने के बजाय थाने से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही देने की सुविधा मिल जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इससे समय और संसाधनों की बचत होगी, लेकिन वकीलों का मानना है कि यह न्यायिक प्रणाली पर प्रतिकूल असर डालेगा।