नई दिल्ली। दिल्ली ब्लास्ट की जांच में लगातार नए तथ्य सामने आ रहे हैं। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, लाल किले के पास कार ब्लास्ट की जगह से 9mm कैलिबर के तीन कारतूस बरामद हुए हैं। इनमें से दो जिंदा हैं और एक खाली खोखा है। पुलिस के अनुसार, इस प्रकार के 9mm पिस्टल आम नागरिक नहीं रख सकते और यह आमतौर पर सुरक्षा बलों या पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि मौके पर कोई पिस्टल या उसका कोई पार्ट नहीं मिला है। यानी कारतूस तो मिले हैं, लेकिन उन्हें चलाने वाला हथियार अब तक नहीं मिला। पुलिस ने अपने स्टाफ के कारतूस भी चेक किए, जिसमें किसी का कोई मिसिंग नहीं पाया गया। अब जांच का मुख्य फोकस यह है कि ये कारतूस वहां कैसे पहुंचे और क्या ब्लास्ट के बाद किसी i20 कार से गिरे थे।

जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल और हवाला फंडिंग

केंद्रीय जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या इस मॉड्यूल को फंड करने के लिए हवाला या अन्य अवैध मनी चैनल का उपयोग किया गया था। जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी उमर को लगभग 20 लाख रुपये अवैध वित्तीय माध्यमों से मिले। इसके अलावा, कुछ हवाला डीलर्स को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी डॉक्टरों ने नूंह के बाजार से बड़ी मात्रा में फर्टिलाइजर नकद में खरीदा था।

व्हाइट कॉलर मॉड्यूल पर नजर

जांच एजेंसियां देशभर में करीब 200 डॉक्टरों पर नजर रखे हुए हैं, जो डॉ. उमर और शाहीन के संपर्क में रहे। इनमें से कई को हिरासत में लिया जा चुका है, जबकि कई के फोन बंद हैं। एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इन डॉक्टरों ने मॉड्यूल के काम में किसी प्रकार की मदद की।