सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और इसके साथ ही राजधानी दिल्ली में कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार दिल्ली सरकार ने यात्रा को भव्य बनाने के लिए कई नई पहल की हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा और सेवा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
सभी सहायता सीधे कांवड़ समितियों को
राज्य सरकार ने तय किया है कि अब कांवड़ यात्रा समितियों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी। इसके लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली लागू की गई है। दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के निर्देश पर तीन महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब किसी प्रकार का बिचौलिया नहीं रहेगा और सरकारी मदद सीधे लाभार्थी समितियों को दी जाएगी।
शिविरों के लिए 1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली
कांवड़ शिविरों को इस वर्ष 1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही बिजली मीटर लगाने के लिए अब केवल 25% सिक्योरिटी डिपॉजिट लिया जाएगा। मिश्रा ने कहा कि हर साल लाखों कांवड़िए दिल्ली से गुजरते हैं और शिविरों के माध्यम से उन्हें सेवा प्रदान की जाती है। लेकिन संसाधनों की कमी अक्सर सामने आती है, जिसे ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम
सरकार ने कांवड़ शिविरों के आयोजन के लिए सभी आवश्यक अनुमतियों को एक ही स्थान से प्रदान करने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम की व्यवस्था की है। इससे आयोजन समितियों को प्रशासनिक प्रक्रियाओं में समय और श्रम की बचत होगी और वे निर्बाध रूप से शिवभक्तों की सेवा कर सकेंगे।
सरकार ने समाप्त की टेंडर प्रक्रिया
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पहले ही स्पष्ट किया है कि सरकार अब टेंट और अन्य जरूरी सुविधाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया समाप्त कर चुकी है। इसके स्थान पर सीधी सहायता राशि DBT माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित हो सके।