दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार, 8 अक्टूबर को पूर्व एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा शाहरुख खान के प्रोडक्शन हाउस रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और नेटफ्लिक्स के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में समन जारी किया। यह मामला आर्यन खान द्वारा निर्देशित वेब सीरीज 'द बैड्स ऑफ बॉलीवुड' में वानखेड़े के कथित गलत चित्रण से संबंधित है।
अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को
अदालत ने रेड चिलीज, नेटफ्लिक्स, एक्स (पहले ट्विटर), गूगल, मेटा और अन्य संबंधित पक्षों को सात दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी। वानखेड़े ने 2 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है, जिसे वे टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल को दान करना चाहते हैं।
वानखेड़े का आरोप
वानखेड़े की याचिका में कहा गया है कि सीरीज नशीली दवाओं के खिलाफ काम करने वाली एजेंसियों की छवि को गलत तरीके से पेश करती है, जिससे जनता का कानून और एजेंसियों पर भरोसा कमजोर होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस वेब सीरीज के जरिए उनकी छवि जानबूझकर खराब की गई है, विशेषकर आर्यन खान से जुड़े मामले के समय।
अदालत का रुख
अदालत ने इस याचिका पर अभी कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया है और वानखेड़े की उस मांग पर भी जवाब मांगा है, जिसमें कुछ वेबसाइटों से कथित आपत्तिजनक सामग्री हटाने की बात कही गई है।
मुकदमे का सार
यह मानहानि का मुकदमा समीर वानखेड़े ने अपने पेशेवर और व्यक्तिगत सम्मान को नुकसान पहुंचाने के आरोप में दायर किया है। उनका कहना है कि वेब सीरीज में उनका चित्रण गलत और भ्रामक है।