राजधानी दिल्ली में स्थानीय कारणों और हवा की रफ्तार बेहद कम रहने के चलते प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि रविवार को लगातार छठे दिन भी राजधानी की हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रही। एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम फॉर दिल्ली के मुताबिक, रविवार सुबह औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 393 दर्ज किया गया। इससे एक दिन पहले शनिवार को यह आंकड़ा 398 रहा था। विशेषज्ञों के अनुसार, रविवार को प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच सकता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के सुबह आठ बजे के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी के कई इलाकों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। अलीपुर में AQI 375, आनंद विहार में 426, अशोक विहार में 425, आया नगर में 309 और बवाना में 439 दर्ज किया गया। वहीं चांदनी चौक क्षेत्र में AQI 448 तक पहुंच गया।

इसके अलावा डीटीयू में 433, द्वारका सेक्टर-8 में 408, आईजीआई एयरपोर्ट टी-3 क्षेत्र में 332, आईटीओ में 393, जहांगीरपुरी में 438 और लोधी रोड में 357 AQI रिकॉर्ड किया गया। मुंडका और रोहिणी में 433, पंजाबी बाग में 420, आरके पुरम में 394, सोनिया विहार में 410, विवेक विहार में 413 और वजीरपुर में 443 AQI दर्ज किया गया है।

आठ साल में सबसे प्रदूषित रहा दिसंबर

इस बार दिसंबर की ठंड के साथ जहरीली हवा ने राजधानीवासियों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। हालात इतने खराब हैं कि सांस लेना तक मुश्किल हो गया है। CPCB के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर की शुरुआत से ही दिल्ली की हवा लगातार खराब बनी हुई है और पहले 18 दिनों में ही बीते आठ वर्षों का सबसे खराब औसत AQI दर्ज किया गया है।

दिसंबर के पहले आठ दिनों तक AQI लगातार 300 से ऊपर रहा, जिससे पूरे महीने का औसत करीब 343 तक पहुंच गया। प्रदूषण की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 14 दिसंबर को AQI 461 दर्ज किया गया, जो पिछले आठ वर्षों में दिसंबर महीने का सबसे ऊंचा स्तर है।

बिगड़ते हालात को देखते हुए 13 दिसंबर को दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का सबसे सख्त चरण, यानी स्टेज-चार लागू करना पड़ा। इसके तहत निर्माण कार्य, डीजल वाहनों और अन्य प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर कड़ी पाबंदियां लगाई गईं।