नई दिल्ली। विदेश में बैठकर भारत में अपराध की साजिश रचने वाले गैंगस्टरों पर अब कानून का शिकंजा कसने जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 356 के तहत ‘ट्रायल इन एब्सेंस’ (अनुपस्थिति में मुकदमा) की प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रावधान का इस्तेमाल करने वाली दिल्ली पुलिस देश की पहली पुलिस इकाई बन गई है। इसके तहत फरार अपराधियों पर मकोका लगाया जाएगा और अनुपस्थिति में ही उन्हें दोषी ठहराया जा सकेगा, जिससे उनके प्रत्यर्पण की राह आसान होगी।

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, नई व्यवस्था पुराने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) से बिल्कुल अलग है। इसमें अदालत उन अपराधियों के खिलाफ भी सुनवाई कर सकती है, जिन्हें फरार घोषित किया गया हो और जो जानबूझकर पेशी से बचते हों। यदि आरोपी के पास वकील न हो तो अदालत राज्य खर्च पर वकील उपलब्ध कराएगी।

बड़े गैंगस्टरों पर मकोका लागू
पुलिस की अपराध शाखा और स्पेशल सेल ने हाल ही में कई गैंगस्टरों पर मकोका लगाया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त सुरेंद्र कुमार ने बताया कि विदेश में बैठे नंदू गिरोह और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जल्द ही अपराध जगत में तेजी से उभरे हिमांशु भाऊ के खिलाफ भी मकोका लगाया जाएगा। इससे पहले हाशिम बाबा, छैन्नू गैंग और दुबई में बैठे सारिक साबा पर भी कार्रवाई हो चुकी है।

निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उपाय
इस कानून के तहत मुकदमा शुरू करने से पहले आरोपी को पेश होने का पूरा अवसर दिया जाता है।

  • 30-30 दिन के अंतराल पर दो गिरफ्तारी वारंट जारी होते हैं।

  • स्थानीय या राष्ट्रीय अखबार में सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की जाती है।

  • आरोप तय होने के 90 दिन बाद ही अनुपस्थिति में मुकदमा शुरू होता है।

सरकार को उम्मीद
अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से न केवल भगोड़े अपराधियों पर कार्रवाई आसान होगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया में जानबूझकर होने वाली देरी भी रुकेगी। दोषी ठहराए जाने के बाद उनका प्रत्यर्पण भी अधिक संभव हो जाएगा।

जेलों से चल रहा रंगदारी रैकेट
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दो दशक पहले दिल्ली में कुछ ही कुख्यात अपराधी सक्रिय थे, लेकिन अब दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में सौ से अधिक बड़े गैंग सक्रिय हैं। इनमें से कई जेलों में बंद रहते हुए भी रंगदारी वसूलने का काम कर रहे हैं। कई मामलों में गैंगस्टरों और पुलिसकर्मियों के गठजोड़ की भी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।