नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की जहरीली हवा से परेशान लोगों को जल्द ही कृत्रिम वर्षा के जरिये राहत मिल सकती है। IIT कानपुर के वैज्ञानिक इस दिशा में पूरी तरह तैयार हैं। संस्थान की टीम ने सभी तकनीकी और व्यवस्थागत तैयारियां पूरी कर ली हैं और अब केवल उपयुक्त मौसम परिस्थितियों का इंतजार है।

बादलों के अनुकूल होने का इंतजार
IIT कानपुर की टीम फिलहाल आसमान में पर्याप्त नमी और बादलों की मौजूदगी का इंतजार कर रही है, ताकि कृत्रिम वर्षा (Artificial Rain) का प्रयोग किया जा सके। इसके लिए संस्थान का सेसना विमान तैयार है, जो बादलों में ‘क्लाउड सीडिंग’ की प्रक्रिया को अंजाम देगा। इस प्रयोग का मकसद वायु प्रदूषण को कम करना और राजधानी की हवा को साफ करना है।

अनुमतियां मिल चुकीं, मौसम की तैयारी बाकी
इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अनुमति मिल चुकी है और दिल्ली सरकार ने भी सहमति दे दी है। अब केवल मौसम की अनुकूलता का इंतजार है। जैसे ही बादल दिल्ली के ऊपर पर्याप्त मात्रा में जमा होंगे, कृत्रिम वर्षा की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

2023 में हुआ था सफल प्रयोग
IIT कानपुर के निदेशक और इस तकनीक पर अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि संस्थान ने वर्ष 2023 में कृत्रिम वर्षा का सफल प्रयोग किया था। इस परियोजना पर कार्य और अनुसंधान का सिलसिला पिछले छह वर्षों से चल रहा है। अब टीम को विश्वास है कि दिल्ली में भी यह प्रयोग सफल रहेगा और प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय कमी लाने में मदद करेगा।

कृत्रिम वर्षा की इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली की धुंध भरी हवा में कुछ राहत मिलेगी और लोगों को स्वच्छ वातावरण का अनुभव होगा।