दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को लोगों की भावनाओं से खेलने की कला बखूबी आती है और यह उनका वर्षों पुराना तरीका रहा है।
गुप्ता ने कहा, “मैं मंत्री श्री सिरसा की इस बात से सहमत नहीं हूं कि केजरीवाल पूरी तरह मूर्ख हैं। वे बेहद चालाक और रणनीतिक सोच रखने वाले व्यक्ति हैं, जिन्हें पता है कि जनता की भावनाओं को कैसे प्रभावित किया जाए।” उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल के पास “झूठ, नाटक और सहानुभूति बटोरने” की कई डिग्रियां हैं।
“हर चीज़ स्क्रिप्टेड थी”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल का हर एक कदम सोची-समझी रणनीति का हिस्सा होता था — चाहे वह मफलर पहनना हो, फटी चप्पलें दिखाना हो, भूखे रहने का दावा हो या बार-बार खांसना। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब एक ड्रामे का हिस्सा था, जिससे जनता को भ्रमित किया गया।
गुप्ता ने कहा कि रामलीला मैदान से शुरू हुई कहानी पूरी तरह से स्क्रिप्टेड थी, जिसमें त्याग, देशभक्ति और सादगी की बातें कर-करके देश की जनता को गुमराह किया गया।
“टिफिन रूम को बताया फांसी घर”
बीजेपी नेता ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने टिफिन रूम को फांसी घर करार दे दिया, ताकि इसे शहीद भगत सिंह से जोड़ा जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि खुद को भगत सिंह का उत्तराधिकारी बताने वाले केजरीवाल ने “ड्रामा” की सीमा लांघ दी है।
गुप्ता ने कहा, “जिस जगह को केजरीवाल ‘फांसी घर’ बता रहे हैं, वहां इतनी जगह भी नहीं कि किसी को फांसी दी जा सके। अगर उनके पास कोई ठोस प्रमाण है, तो वह सार्वजनिक करें।”
“केजरीवाल के खिलाफ हो जांच, वसूली की मांग”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल ने झूठ बोलकर न केवल शहीदों की भावना का अपमान किया, बल्कि जनता की भावनाओं का भी बार-बार इस्तेमाल किया। उन्होंने मांग की कि केजरीवाल से ₹1000 करोड़ की वसूली हो और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच की जाए।
गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी का पुराना तौर-तरीका रहा है — बिना किसी साक्ष्य या नक्शे के भावनात्मक मुद्दों को हवा देना और सहानुभूति प्राप्त करने की कोशिश करना। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस विधानसभा को संविधान की गरिमा का प्रतीक माना जाता है, उसी सदन को केजरीवाल ने अपमानित किया।