राजधानी दिल्ली के साकेत कोर्ट में वकीलों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध उस एफआईआर के विरोध में किया गया है, जो कोर्ट परिसर में एक प्रोविजनल सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) के साथ कथित मारपीट के मामले में दर्ज की गई थी। स्थिति को देखते हुए कोर्ट के बाहर पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है।
प्रदर्शनकारी वकीलों का कहना है कि पुलिस ने उनके खिलाफ मनगढ़ंत एफआईआर दर्ज की है। साकेत कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव अनिल बसोया ने बताया कि यह प्रदर्शन किसी हड़ताल का रूप नहीं है, बल्कि न्याय की मांग है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक वकील जब अवैध गतिविधियों की शिकायत करने थाने गया, तो न सिर्फ उसकी शिकायत दर्ज नहीं की गई, बल्कि उसके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया। बाद में कोर्ट परिसर में भी उस पर दोबारा हमला करने की कोशिश की गई।
बसोया ने यह भी आरोप लगाया कि इस पूरे घटनाक्रम के बाद पुलिस ने वकील के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कर लिया। उनका कहना है कि यदि पुलिस वकीलों की शिकायतों को गंभीरता से ले और दर्ज एफआईआर को वापस ले, तो आंदोलन समाप्त कर दिया जाएगा। साथ ही चेतावनी दी गई है कि जब तक मांगें नहीं मानी जातीं, पुलिसकर्मियों को कोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
वकीलों पर पीएसआई और एक अन्य व्यक्ति से मारपीट का आरोप
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने कोर्ट परिसर में पीएसआई दीपक और एक व्यक्ति जगदीश के साथ मारपीट के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। बताया गया है कि पीएसआई दीपक, जो कि सराय काले खां चौकी में तैनात हैं, साकेत कोर्ट में पेशी के लिए आए थे। तभी कोर्ट रूम नंबर 508 के बाहर कुछ वकीलों ने उन्हें घेरकर मारपीट की। इस दौरान सीसीटीवी कैमरा भी मोड़ दिया गया। दीपक को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
दूसरे मामले में, कोर्ट में पेशी के दौरान मौजूद जगदीश नामक व्यक्ति के साथ भी मारपीट हुई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोनों मामलों की जांच की जा रही है।
साकेत बार एसोसिएशन ने एफआईआर को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे वकीलों की छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया है।