नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में आयोजित कार्यक्रम में देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर प्रसिद्ध खगोल भौतिक विज्ञानी डॉ. जयंत नार्लीकर को मरणोपरांत ‘विज्ञान रत्न पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार ब्रह्मांड विज्ञान (कॉस्मोलॉजी) में उनके महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक योगदान के लिए दिया गया।
डॉ. नार्लीकर के योगदान को उनके स्थापित इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA), पुणे के निदेशक आर. श्रीआनंद ने ग्रहण किया। प्रो. नार्लीकर ने ब्रह्मांड की संरचना को समझने के लिए अहम शोध किए और हॉयल-नार्लीकर सिद्धांत विकसित किया, जिसने स्थिर ब्रह्मांड (स्टेडी-स्टेट यूनिवर्स) की अवधारणा को वैज्ञानिक आधार प्रदान किया।
24 वैज्ञानिकों को चार श्रेणियों में सम्मानित किया गया
इस समारोह में कुल 24 वैज्ञानिकों और टीमों को चार श्रेणियों में सम्मानित किया गया: विज्ञान रत्न, विज्ञान श्री, विज्ञान युवा और विज्ञान टीम। इन पुरस्कारों का उद्देश्य विज्ञान, तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को पहचान और सम्मान देना है।
विज्ञान श्री पुरस्कार
राष्ट्रपति ने चार प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को विज्ञान श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को कृषि विज्ञान, डॉ. यूसुफ मोहम्मद शेख को परमाणु ऊर्जा, डॉ. कुमारसामी थंगराज को जैविक विज्ञान और प्रो. थलप्पिल प्रदीप को रसायन विज्ञान में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया।
युवा वैज्ञानिकों का सम्मानPresident Droupadi Murmu confers Vigyan Ratna to Prof. Jayant Vishnu Narlikar (Posthumously). He was a renowned Indian astrophysicist and cosmologist known for his ground-breaking work in cosmology and developed the Hoyle–Narlikar theory to unify gravitation and matter creation,… pic.twitter.com/wOkVFG33jH
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 23, 2025
कार्यक्रम में दो युवा वैज्ञानिकों को विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से नवाजा गया। अंकुर गर्ग को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में, जबकि प्रो. मोहनशंकर शिवप्रकाशम को तकनीक और नवाचार में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए यह पुरस्कार मिला।
विज्ञान टीम पुरस्कार और अन्य सम्मान
युवा वैज्ञानिकों को विज्ञान युवा पुरस्कार के तहत कृषि, जैविक विज्ञान, रसायन, भौतिकी, अंतरिक्ष विज्ञान और चिकित्सा क्षेत्रों में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इसके अलावा सीएसआईआर अरोमा मिशन टीम को विज्ञान टीम पुरस्कार दिया गया, जिसने जम्मू-कश्मीर में लैवेंडर मिशन को सफल बनाकर किसानों की आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।
यह समारोह भारतीय विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में योगदान देने वाले वैज्ञानिकों को सम्मानित करने और उनके प्रयासों को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर रहा।