नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) ने हाल ही में एक बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए 700 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार, 'साइबर हॉक' कोडनेम वाले 48 घंटे के इस अभियान में फिशिंग, धोखाधड़ी, फर्जी ग्राहक सेवा घोटाले, निवेश धोखाधड़ी और डिजिटल भुगतान चोरी जैसे संगठित साइबर अपराधों का पता चला।

प्रारंभिक जांच में लगभग 1,000 करोड़ रुपये के संदिग्ध और धोखाधड़ी वाले लेनदेन उजागर हुए हैं। यह नेटवर्क कई स्थानों से संचालित एक बड़े साइबर गिरोह से जुड़ा हुआ था। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में छापेमारी के दौरान पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया, डिजिटल उपकरण जब्त किए और जाली दस्तावेज बरामद किए। साथ ही पीड़ितों के पैसे निकालने में इस्तेमाल हुए बैंक खातों की पहचान भी की गई।

वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और अधिक डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण किया जाएगा, ताकि देश भर में फैले इस साइबर रैकेट के नेटवर्क का पता लगाया जा सके।

इससे पहले, दक्षिण दिल्ली के सतबारी गांव में चल रहे एक अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया। इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक महिला भी शामिल थी। आरोप है कि रिहायशी इमारत से बड़े पैमाने पर अवैध कॉल सेंटर चलाया जा रहा था और वीओआईपी आधारित कॉलिंग सेटअप, विदेशी डेटाबेस और जाली संचार उपकरणों का उपयोग करके विदेशी नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा था।

पुलिस ने बताया कि इस रैकेट का संचालन शानू नामक एक वांछित अपराधी कर रहा था, जो छापेमारी से कुछ ही समय पहले फरार हो गया। उसकी तलाश के लिए विशेष टीम बनाई गई है। जांच में यह भी सामने आया कि कॉल सेंटर की इमारत शानू के भाई रेहान उर्फ टिन्नी के नाम पर पंजीकृत थी।

अधिकारियों ने इमारत को सील कर दिया है और मौके से भारी मात्रा में कंप्यूटर, मोबाइल, वीओआईपी सॉफ्टवेयर, विदेशी डेटा सेट और धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए दस्तावेज बरामद किए गए। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर इस अंतरराष्ट्रीय साइबर रैकेट के पैमाने और अन्य नेटवर्क से जुड़े संबंधों का पता लगा रही है।