ऑपरेशन सिंदूर विवाद: पूर्व राजदूत ने कांग्रेस की आलोचना की

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लगातार सवाल उठा रही कांग्रेस पर पूर्व राजदूत केबी फैबियन ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि कांग्रेस इस मामले में जिम्मेदारी से पेश नहीं आ रही और विषय की गहराई को समझने के बजाय सतही टिप्पणियां कर रही है। उन्होंने याद दिलाया कि पार्टी ने हाल ही में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह के बयान पर भी सवाल उठाए थे।

फैबियन ने कहा कि वायुसेना प्रमुख का बयान भरोसा जगाने वाला है, लेकिन कुछ लोग रणनीतिक तथ्यों के बजाय सामान्य ज्ञान के आधार पर सवाल कर रहे हैं कि यह कार्रवाई कब हुई। युद्ध तो 10 मई को खत्म हो चुका था, फिर अब इसकी जानकारी क्यों दी जा रही है? उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह अभियान पीओके को मुक्त कराने के लिए नहीं, बल्कि आतंकियों के बुनियादी ढांचे पर सर्जिकल स्ट्राइक के उद्देश्य से था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने आक्रामक रुख अपनाया, लेकिन भारत की कड़ी कार्रवाई के बाद उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाकर शिकायत करनी पड़ी।

पूर्व राजदूत के मुताबिक, प्रधानमंत्री से यह अपेक्षा करना कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झूठा कहें, कूटनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ है। उन्होंने सुझाव दिया कि जब पाकिस्तानी डीजीएमओ ने युद्धविराम का अनुरोध किया था, तब भारत को तत्काल यह सार्वजनिक करना चाहिए था कि इस पर विचार किया जा रहा है, और निर्णय भारतीय नेतृत्व से परामर्श के बाद लिया जाएगा।

वायुसेना प्रमुख का बड़ा खुलासा
बेंगलुरु में 16वें एयर चीफ मार्शल एल.एम. कात्रे मेमोरियल लेक्चर में एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के छह लड़ाकू और एक बड़े विमान को मार गिराया था। उन्होंने इसे देश का अब तक का सबसे बड़ा सतह से हवा में मारने का रिकॉर्ड बताया।

सिंह के अनुसार, पांच लड़ाकू और एक बड़ा विमान—जो एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम या कोई अन्य हो सकता है—को करीब 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया। उन्होंने इसे भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक अहम मील का पत्थर और सैनिकों की क्षमता का प्रमाण बताया।

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