नई दिल्ली: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (टर्मिनल 1) पर एक विवादित घटना हुई, जिसमें यात्री अंकित दीवान ने एयर इंडिया एक्सप्रेस के ऑफ-ड्यूटी पायलट कैप्टन वीरेंद्र सेजवाल पर अपने साथ मारपीट करने का आरोप लगाया। अंकित ने बताया कि वह अपने परिवार, जिसमें चार महीने का बच्चा भी था, के साथ यात्रा कर रहे थे।

अंकित के अनुसार, स्ट्रॉलर और बच्चे के कारण उन्हें स्टाफ सिक्योरिटी लेन में भेजा गया। इस दौरान ऑफ-ड्यूटी पायलट सेजवाल ने लाइन तोड़ने का प्रयास किया। जब अंकित ने आपत्ति जताई, तो पायलट ने उनके साथ अभद्रता की और कथित तौर पर उनके चेहरे पर मुक्का मार दिया, जिससे वे घायल हो गए। अंकित ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें मामले को बढ़ाने से रोकने के लिए दबाव बनाया गया, यह कहकर कि यदि वे कानूनी कार्रवाई करेंगे तो उनके परिवार की फ्लाइट बुकिंग और ₹1.10 लाख की यात्रा खतरे में पड़ सकती है।

CISF ने किया खंडन

हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए तैनात सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि घटना के समय सुरक्षा कर्मियों ने यात्री की मदद की और औपचारिक शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी, जिसे यात्री ने अस्वीकार कर दिया। CISF ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा बल की कोई लापरवाही नहीं हुई।

पायलट का बयान

कैप्टन सेजवाल ने भी बयान जारी किया कि यह विवाद CISF अधिकारियों की मौजूदगी में सुलझ गया और दोनों पक्षों ने स्वेच्छा से बयान पर हस्ताक्षर किए, जिसमें किसी कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं बताई गई। उन्होंने कहा कि जातिवादी टिप्पणी और धमकियों के आरोप गुमराह करने वाले हैं।

पुलिस लिखित शिकायत का इंतजार कर रही

दिल्ली पुलिस ने बताया कि अब तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। डीसीपी आईजीआई एयरपोर्ट, विचित्र वीर ने कहा, “जैसे ही लिखित शिकायत दर्ज होगी, उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

एयरलाइन ने किया सस्पेंड

घटना के बाद एयर इंडिया एक्सप्रेस ने तुरंत पायलट सेजवाल को सस्पेंड कर दिया। एयरलाइन ने बताया कि पायलट ड्यूटी पर नहीं थे और किसी अन्य फ्लाइट से यात्री के रूप में यात्रा कर रहे थे। मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है।

सिक्योरिटी लेन का नियम

भारतीय हवाई अड्डों के नियमों के अनुसार, ऑफ-ड्यूटी पायलट केवल तब क्रू सिक्योरिटी लेन का इस्तेमाल कर सकते हैं जब वे वर्दी में हों और किसी उड़ान के लिए ड्यूटी पर जा रहे हों। सामान्य यात्री के रूप में यात्रा करने वाले पायलट को अन्य यात्रियों की तरह ही सिक्योरिटी प्रक्रिया से गुजरना आवश्यक है। इस मामले में आरोपी पायलट ने AEP कार्ड का इस्तेमाल करके लेन में प्रवेश करने की कोशिश की।