उत्तरी दिल्ली के वजीरपुर इलाके में पुलिस ने छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में पुराने नोट बरामद किए हैं। बरामद नोट 500 और 1,000 रुपए के हैं, जिन्हें नवंबर 2016 की नोटबंदी के बाद अमान्य घोषित किया गया था। पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई।

छापेमारी के दौरान कई बैग नकदी से भरे पाए गए और मौके से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के पास से नकदी ले जाने के लिए इस्तेमाल की गई दो गाड़ियां भी जब्त की गई हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि नोट कहां से आए और इसमें कौन-कौन शामिल था।

गिरफ्तार आरोपी और उनके ठिकाने
पुलिस ने चार आरोपियों की पहचान इस प्रकार की है: हर्ष (22) और टेक चंद (39), रोहिणी सेक्टर 25 के निवासी; लक्ष्य (28), बृजपुरी का रहने वाला; और विपिन कुमार (38), हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर का मूल निवासी, जो शालीमार बाग में किराए के क्वार्टर में रह रहा था।

कैसे आया नोट का नेटवर्क सामने
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने बंद हो चुके नोटों को कम कीमत पर बदला और झूठा दावा किया कि उन्हें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में बदला जा सकता है। यह घटना धोखाधड़ी, साजिश और विशेष बैंक नोट्स अधिनियम के उल्लंघन के तहत आती है। पुलिस का कहना है कि चारों आरोपी जानते थे कि ऐसे नोट रखना गैरकानूनी है, लेकिन जल्दी पैसा कमाने की लालसा में इस घोटाले में शामिल हो गए।