दिल्ली में रक्षाबंधन के दिन हुई जोरदार बारिश से राजधानी में भारी जलभराव हो गया, जिससे लोगों को बड़े पैमाने पर परेशानी उठानी पड़ी। इस बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) ने राजधानी में जलभराव और सुरक्षा में चूक को लेकर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। AAP के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में आईटीओ, पंजाबी बाग, साकेत, धौला कुआं, प्रगति मैदान, पालम समेत कई इलाकों में जलभराव का बड़ा संकट पैदा हो गया है और यह बीजेपी की “चार इंजन” वाली सरकार की असफलता को उजागर करता है।
AAP नेता ने आरोप लगाया कि दिल्ली में डीसिल्टिंग के नाम पर करोड़ों रुपए के घोटाले हुए हैं और हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद बीजेपी सरकार ने थर्ड पार्टी ऑडिट कराने से इनकार किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार को इस ऑडिट से क्यों डर लगता है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बदरपुर के जैतपुर इलाके में जलभराव के कारण गिरती दीवार ने सात लोगों की जान ले ली, जिसमें तीन पुरुष, दो महिलाएं और दो बच्चे शामिल थे। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार इन जानों की भरपाई कर सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली की सरकार ने इस घटना पर कोई गंभीर कदम नहीं उठाया और मुख्यमंत्री समेत कोई भी जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचा।
AAP के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया पर इस हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं प्रकट कीं। वहीं नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने दिल्ली के विभिन्न इलाकों में जलभराव की तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि यह बीजेपी सरकार की असफलता का परिचायक है, जहां लोग अपने घरों से निकल नहीं पा रहे हैं और रक्षाबंधन का त्योहार प्रभावित हुआ।
AAP विधायक संजीव झा ने कहा कि जलभराव की समस्या को लेकर सरकार बार-बार बड़े वादे करती रही, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि जिन इलाकों में जलभराव होता है, वहां हर हॉटस्पॉट पर एक कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया था, लेकिन फिर भी बारिश में लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
कुलदीप कुमार ने भी बीजेपी सरकार की नाकामी पर निशाना साधा और कहा कि दिल्ली में नालों की सफाई नहीं होने और पुलिस की निष्क्रियता के कारण हालत गंभीर हो गई है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर जनता को और क्या देना चाहती है, जब सत्ता पूरी तरह उनके हाथ में है।
इस तरह दिल्ली में हुई बारिश और जलभराव को लेकर आम आदमी पार्टी ने सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर तीखा विरोध जताया है और जनता से बेहतर व्यवस्था की मांग की है।