बरवाला विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक इंद्र सिंह नैन का शुक्रवार देर रात निधन हो गया। 92 वर्षीय नैन पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और उन्हें हिसार के जिंदल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को उनके पैतृक गांव हसनगढ़ में किया जाएगा, जबकि अंतिम यात्रा सुबह 11 बजे निकाली जाएगी। उनका परिवार इस समय हिसार के आजाद नगर क्षेत्र में निवास कर रहा है।
इंद्र सिंह नैन का राजनीतिक जीवन लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी से जुड़ा रहा। वर्ष 1982 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर बरवाला सीट से विधानसभा चुनाव जीतकर 1987 तक विधायक के रूप में सेवा दी। इस दौरान वे हैफेड के चेयरमैन भी रहे और अपने कार्यकाल में किसानों की सुविधा के लिए अपने गांव समेत आसपास के कई क्षेत्रों में अनाज क्रय केंद्र स्थापित कराए।
बाद में वे हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) में शामिल हो गए और नरवाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, हालांकि इस चुनाव में उन्हें सफलता नहीं मिली। नैन की कोई संतान नहीं थी, उन्होंने अपने भतीजे एडवोकेट जयवीर नैन को गोद लिया था।
स्थानीय लोगों के अनुसार, विधायक रहते हुए इंद्र सिंह नैन ने क्षेत्रीय मुद्दों को गंभीरता से विधानसभा में उठाया और जनता से मजबूत जुड़ाव बनाए रखा। उनके भतीजे राजवीर नैन ने बताया कि वे हाल के वर्षों में सक्रिय राजनीति से दूर रहते हुए सामाजिक कार्यों में जुटे थे।
पूर्व विधायक के निधन पर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री व बरवाला से विधायक रणबीर गंगवा ने गहरा शोक जताया है। वहीं, उकलाना से कांग्रेस विधायक नरेश सेलवाल ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि नैन एक अनुभवी और समर्पित जनप्रतिनिधि थे, जिनका जीवन सेवा और संघर्ष की प्रेरक मिसाल रहा है। उनका निधन सार्वजनिक जीवन के लिए एक अपूरणीय क्षति है।