मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित जिलों के उपायुक्तों से ताजा हालात की जानकारी लेते हुए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि असुरक्षित भवनों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके। साथ ही क्षतिग्रस्त सड़कों और पेयजल योजनाओं को प्राथमिकता पर बहाल करने, जरूरी सामान उपलब्ध करवाने और प्रभावित परिवारों को तुरंत सहायता देने के निर्देश भी दिए।
सीएम सुक्खू ने मंडी जिले के निहरी क्षेत्र में भारी बारिश से हुए भूस्खलन में तीन लोगों की मौत पर शोक जताते हुए प्रशासन को मृतकों के परिजनों को हरसंभव मदद मुहैया कराने को कहा। उन्होंने कहा कि इस साल की भारी वर्षा ने 2023 की आपदा से भी अधिक नुकसान पहुंचाया है। पिछले तीन साल में राज्य को विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से करीब 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।
केंद्र पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री केवल राजनीतिक लाभ के लिए दौरे कर रहे हैं, जबकि उन्हें अपने मंत्रालयों से राहत पैकेज घोषित करना चाहिए। उन्होंने भाजपा नेताओं से प्रधानमंत्री से विशेष राहत पैकेज की मांग करने को कहा। सीएम ने बताया कि 2023 में पीएम द्वारा घोषित 1500 करोड़ रुपये में से अब तक राज्य को केवल 400 करोड़ रुपये मिले हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हाल ही में घोषित 1500 करोड़ रुपये की सहायता विशेष पैकेज है या योजना आधारित मदद, यह स्पष्ट नहीं है।
बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान
सीएम ने कहा कि इस आपदा में कीमती जानें जाने के साथ बिजली, जलापूर्ति, सड़कें और निजी संपत्तियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। यह जलवायु परिवर्तन के गंभीर असर का संकेत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सीमित संसाधनों के बावजूद राहत और पुनर्वास कार्यों में जुटी है तथा मंत्रिमंडल के सदस्य प्रभावित इलाकों में मौजूद रहकर हालात की निगरानी कर रहे हैं। वहीं, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने धर्मपुर क्षेत्र का दौरा कर जानकारी दी कि केवल एचआरटीसी की बसों को ही छह करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।