हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश से राज्य के सैकड़ों रास्ते और कई इलाकों में बिजली-पानी की आपूर्ति ठप हो गई है। शनिवार सुबह 10 बजे तक एक नेशनल हाईवे समेत 339 सड़कें बंद रहीं। राज्य में 172 बिजली ट्रांसफार्मर और 133 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं। मंडी और कुल्लू जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। मंडी के बालीचौकी में बीती रात दो लोगों के 30 कमरों वाले मकान भरभरा कर गिर गया, लेकिन पहले ही खाली करवा देने से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।
भारी बारिश का अलर्ट जारी
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 29 अगस्त तक राज्य के कई हिस्सों में बारिश जारी रहने का अनुमान है। 23 से 26 अगस्त तक अधिकांश क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। 27 से 29 अगस्त तक भी कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। आज कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बीती रात विभिन्न स्थानों पर दर्ज बारिश के आंकड़े इस प्रकार हैं: नादौन 58.6, जोगिंद्रनगर 45.0, जटोन बैराज 44.2, नगरोटा सूरियां 39.2, कांगड़ा 35.7, श्रीनयना देवी 34.8, पांवटा साहिब 33.0, धौलाकुआं 32.0, घाघस 26.0, चुवाड़ी 22.2 और भट्टी 20.5 मिलीमीटर।
मानसून में अब तक भारी नुकसान
इस मानसून सीजन में 20 जून से 22 अगस्त तक हिमाचल में 295 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 350 लोग घायल हुए हैं। 37 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 144 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई। भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने से अब तक 3,367 घर और दुकानों को क्षति पहुंची है। 2,685 गोशालाएं और 1,821 पालतु पशु भी प्रभावित हुए हैं। कुल नुकसान का आंकड़ा 2,32,610.94 लाख रुपये बताया गया है।
भूस्खलन और सड़क बंदी की घटनाएं
कुल्लू जिले की मानगढ़ ग्राम पंचायत में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित है। कई जगह सड़क टूटने से गाड़ियां फंस गईं। नागूझौड़-दोघरी-समाणा सड़क पर फंसी गाड़ी को गांववासियों की मदद से तार स्पैन के माध्यम से सुरक्षित निकाला गया। बंगाणा क्षेत्र में शनिवार सुबह साढ़े सात बजे से शुरू हुई बारिश के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों को भीगते हुए परीक्षा केंद्र पहुंचना पड़ा।
किसानों की फसलें तबाह
बारिश के लगातार होने से ऊना जिले में मक्की की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसान अब आलू की फसल को लेकर भी चिंतित हैं। स्थानीय किसानों का कहना है कि पिछले साल इसी समय उन्होंने बीज मंगवाए थे और बिजाई भी कर दी थी, लेकिन इस बार लगातार हो रही बारिश ने उनकी तैयारियों पर पानी फेर दिया है। यदि मौसम ने सहयोग नहीं किया, तो किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।