सब्र का बांध टूटने पर आखिरकार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लांमू के विद्यार्थी शनिवार को सुबह 9:30 बजे कक्षाएं छोड़कर सड़क पर उतर गए। अध्यापकों के अभाव में रोजाना विद्यार्थियों को दूरदराज के गांवों से स्कूल में पहुंचकर खाली बैठकर ही समय व्यतीत करना पड़ रहा है। हालांकि भाजपा सरकार के कार्यकाल में राजकीय माध्यमिक पाठशाला लांमू को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला तो कर दिया गया लेकिन लांमू स्कूल में स्टाफ की तैनाती नहीं की गई।
शैक्षणिक सत्र 2021-22 तो बिना अध्यापकों के ही निकल गया लेकिन अब नए शैक्षणिक सत्र के दौरान भी अध्यापकों की तैनाती न होने पर विद्यार्थी स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इसी से गुस्साए विद्यार्थियों ने शनिवार को लांमू-हिलिंग मुख्य सड़क पर पहुंचकर धरना-प्रदर्शन किया।
सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे होली के तहसीलदार प्रकाश चंद, होली स्कूल के प्रधानाचार्य विनोद कुमार और पुलिस टीम ने काफी मशक्कत कर बच्चों और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर सुबह 11:30 बजे मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल करवाया। बता दें कि विद्यालय में स्वीकृत 10 पद रिक्त पड़े हुए हैं। इनमें प्रधानाचार्य सहित प्रवक्ताओं के पांच पद, टीजीटी नॉन मेडिकल, कला अध्यापक, पीईटी, क्लर्क, एलए के पद शामिल हैं।
स्कूल में एक वर्ष से एक भी प्रवक्ता नहीं है। गत वर्ष पांच सितंबर से प्रतिनियुक्ति पर तीन अध्यापक तीन दिन तक पढ़ा रहे थे। पदों को भरने की कई बार मांग उठाई गई लेकिन स्टाफ की तैनाती नहीं हुई। स्कूल में रिक्त पद न भरे जाने से होली में विद्यार्थी धरना-प्रदर्शन करेंगे। - मुस्कान, विद्यार्थी ।
स्कूल में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला की तख्ती तो लग चुकी है लेकिन विद्यालय में स्टाफ की तैनाती नहीं हो पाई है। ऐसे में घरद्वार शिक्षा देने को लेकर किए जा रहे सरकार के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।
लामू विद्यालय के विद्यार्थी मजबूरन सड़कों पर उतरे हैं। वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में जमा एक और दो कक्षाओं को पढ़ाने के लिए कोई प्रवक्ता नहीं है। माध्यमिक विद्यालय में भी महज चार पद भरे हैं। इनमें एक मुख्याध्यापक समेत तीन अन्य अध्यापक शामिल हैं। भविष्य को देखते हुए विद्यार्थियों को यह रास्ता अपनाना पड़ा है।
स्कूल में अव्यवस्था का आलम है। विद्यालय में स्टाफ न होने से बच्चों को विभिन्न विषयों के ज्ञान से वंचित रहना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार और शिक्षा विभाग से विद्यालय में स्टाफ की तैनाती की मांग उठाई है।