इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में डॉक्टर और मरीज के बीच हाथापाई की घटना ने स्वास्थ्य विभाग में हलचल पैदा कर दी है। शुक्रवार को रेजिडेंट और सीनियर डॉक्टरों ने सामूहिक अवकाश पर जाने का फैसला किया, जिससे प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित रहीं। मरीज इलाज के लिए भटकते रहे और कई बड़े ऑपरेशन टाल दिए गए।

डॉक्टरों की हड़ताल का असर

शुक्रवार को आईजीएमसी में ऑपरेशन और ओपीडी सेवाएं बाधित रहीं। रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपने कैजुअल लीव के चलते नियमित सेवाएं बंद रखीं। कई मरीजों को ऑपरेशन की अगली तारीख भी नहीं मिली। इस दौरान केवल कंसल्टेंट डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाएं जारी रखीं।

इसी तरह टांडा, नाहन, नेरचौक, चंबा और हमीरपुर के मेडिकल कॉलेजों में भी हड़ताल का असर दिखाई दिया। ओपीडी में लंबी कतारें लगीं, लेकिन डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण मरीज बिना इलाज के लौट गए।

एंबुलेंस सेवा भी प्रभावित

108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों ने भी हड़ताल पर चले जाने से आपातकालीन सेवाओं में रुकावट आई। घुमारवीं में एक चालक ने एंबुलेंस की चाबियां अपने साथ ले जाने से मामले की गंभीरता बढ़ा दी। सिविल अस्पताल घुमारवीं की चिकित्सा अधिकारी ने पुलिस में मामला दर्ज कराया। कंपनी ने चेतावनी दी है कि हड़ताल के दौरान चाबियां न सौंपने वाले कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

मारपीट का मामला

डॉ. राघव के खिलाफ मरीज से मारपीट के आरोप में कार्रवाई की गई और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। इस कदम से रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) और हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन नाराज़ हैं। पुलिस ने अस्पताल में मौजूद तीमारदारों और मरीजों के बयान दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो ने मामले को और सार्वजनिक कर दिया।

मरीजों की परेशानी

आईजीएमसी और डीडीयू अस्पताल में शुक्रवार को ओपीडी सेवाएं ठप रहीं। गंभीर मरीजों को आपातकालीन सेवाएं मिलीं, लेकिन आम मरीज घंटों इंतजार करने के बाद घर लौट गए। बाल रोग, गायनी, मेडिसिन, सर्जरी और अन्य विभागों में भी केवल एक-दो डॉक्टर ही मौजूद थे।

75 वर्षीय मगनु देवी, 60 वर्षीय रत्नी और 70 वर्षीय बेगमु जैसी मरीजों को उपचार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा।

आरडीए की मांगें

आरडीए ने डॉ. राघव की बर्खास्तगी को वापस लेने, अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था सुधारने और हंगामा करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।

आगे की स्थिति

शनिवार को भी आईजीएमसी, डीडीयू और कमला नेहरू अस्पताल में ओपीडी सेवाएं प्रभावित रह सकती हैं। मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने घोषणा की है कि वे केवल आपातकालीन सेवाएं प्रदान करेंगे। इस हड़ताल से आम लोगों की परेशानी और बढ़ जाएगी।

रेजिडेंट डॉक्टरों ने एकजुटता दिखाते हुए “हम एक हैं” के नारे लगाए और बर्खास्तगी आदेश को वापस लेने की मांग पर जोर दिया।