उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा में बताया कि जल शक्ति विभाग में पैरा फिटर, पैरा पंप ऑपरेटर और मल्टीपर्पज वर्कर के कुल 5,000 पदों में से अब तक 2,500 पद भरे जा चुके हैं। शेष पदों को भरने की प्रक्रिया हर विधानसभा क्षेत्र में जारी है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय कुछ विधानसभा क्षेत्रों में ही भर्ती हुई थी और सरकार अब उन रिक्त पदों को भर रही है।
भाजपा विधायक रीना कश्यप ने पूछा कि कितने पद स्वीकृत हैं और वर्तमान में कितने कार्यरत हैं, साथ ही उन परियोजनाओं के बारे में जानकारी मांगी जिन पर स्थायी कर्मचारी न होने के कारण आउटसोर्स कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पैरा वर्कर और जल रक्षक सरकार की निर्धारित नीति अनुसार मानदेय पर तैनात किए जाते हैं और इनके लिए कोई सेवा नियम लागू नहीं हैं। कुछ भर्तियां ठेकेदारों के माध्यम से हुई हैं, इसलिए वहां मानदेय में देरी हो सकती है।
वहीं, भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने सोलर रूफटॉप बिजली खरीद के फार्मूले पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिजली बोर्ड उपभोक्ताओं से तीन गुणा अधिक राशि वसूल रहा है। उन्होंने बताया कि उनका 40 किलोवाट का सोलर प्लांट है और खराब होने पर बिल अत्यधिक आया।
उपमुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि सोलर रूफटॉप की प्रति यूनिट बिजली के दाम नियामक आयोग तय करता है और बिजली बोर्ड को सरकार की ओर से सब्सिडी मिलती है। विधानसभा अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि इस मामले का प्रभाव पूरे प्रदेश में देखा जाए।
इस बीच विधायक अनिल शर्मा ने आरोप लगाया कि उनका सवाल तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया और इसका भाव बदल दिया गया। उपमुख्यमंत्री ने जवाब में कहा कि विधायक मुख्यमंत्री के अच्छे दोस्त हैं, जिस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई।