हिमाचल विधानसभा में लैंड सीलिंग एक्ट संशोधन बिल पास, इतनी जमीन ट्रांसफर कर पाएगी संस्था

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र में शुक्रवार को धर्मार्थ संस्थाओं के लिए 30 एकड़ जमीन हस्तांतरित करने का विधेयक पारित हो गया। भूजोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक 2024 पर पहले सदन में चर्चा हुई। विपक्ष ने कहा कि इसे पारित करते समय जल्दबाजी न की जाए। राधास्वामी सत्संग संस्था की मदद होनी चाहिए, मगर विधेयक को विचार-विमर्श के लिए पहले विधानसभा की सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाना चाहिए। दोनों पक्षों की नोकझोंक के बीच विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। संशोधन विधेयक के पारित होने और इसके कानून बनने के बाद राधास्वामी सत्संग ब्यास भोटा अस्पताल और इसकी जमीन जगत सिंह सेवा ट्रस्ट को हस्तांतरित कर सकेगा।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने चर्चा के दौरान कहा कि संस्था और संगठन से ऊपर मेरे लिए प्रदेश है। संस्था के लिए पूरा आदर है, पर विधेयक को पारित करने से पहले सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाए। विधेयक के पारण के बाद मुख्यमंत्री ने कांग्रेस विधायक दल का धन्यवाद किया और कहा कि भाजपा के विधायकों ने इसका समर्थन नहीं किया। एक तरह से साइलेंट विरोध किया। सेलेक्ट कमेटी को भेजने की बात करना भी एक तरह से विरोध करना है। यह दुख की बात है। सूक्खू ने कहा कि उनके लिए हिमाचल के हित सर्वोपरि हैं।

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि यह केवल एक समय के लिए प्रावधान है। कोई भी धार्मिक, आध्यात्मिक या चैरिटेबल संस्था इसे केवल ऐसे ही कार्यों के लिए 30 एकड़ तक ही दूसरी उसी तरह की संस्था को जमीन हस्तांतरित कर सकेगी। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि भाजपा भी चाहती है कि राधास्वामी ब्यास संस्था की समस्या का समाधान होना चाहिए, मगर इस कानून का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि राधास्वामी संस्था ने कोविडकाल में बढ़िया किया है, मगर इससे अन्य संस्थाओं की ओर से दुरुपयोग करने की संभावना है। तीन सरकारों में धूमल, वीरभद्र और उनके समय भी मामले में जल्दबाजी नहीं की गई। पिछली भाजपा सरकार में यह मामला मंत्रिमंडल तक आया था, वहीं लंबित हो गया है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल के हितों को नहीं बेचा जाएगा। सरकार एक रुपये में किसी उद्योगपति को जमीन नहीं दे रही है, जैसा पिछली सरकार में हुआ। वह नेक काम करने वाली संस्थाओं की मदद कर रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि संस्था के प्रति आस्था है। इसी वक्त मदद का रास्ता निकालने के बजाय इस पर चर्चा की जा सकती है। जल्दबाजी मत करें। चैरिटेबल आश्रम बहुत हो गए हैं।

विपक्ष हर चीज में टांग खींच रहा : जगत
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि विपक्ष हर चीज में टांग खींच रहा है। विपक्ष कह रहा है कि करो भी और नहीं भी करो। विपक्ष को एक बात करनी चाहिए। नेगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मदद करना चाहते थे और कर नहीं पाए। भाजपा के समय में 2002 में एक अधिसूचना कर भी इसी तरह की राहत दी। अवहेलना और दुरुपयोग तो उस समय भी हुआ। उन्होंने कहा कि 30 एकड़ तक जमीन के हस्तांतरण में केवल एक बार की छूट दे रहे हैं। वह भी धार्मिक, आध्यात्मिक और चैरिटी से जुड़े कार्यों के लिए दी जा रही है।

बता दें कि हिमाचल में धार्मिक संस्थाओं लोगों ने सैकड़ों बीघा जमीन दान कर रखी है। लैंड सीलिंग एक्ट की धारा-5 के खंड (झ) के तहत धार्मिक संस्था जमीन न बेच सकती है न किसी के नाम ट्रांसफर कर सकती है। ऐसा करने पर यह जमीन सरकार में वेस्ट (निहित) हो जाती थी। मगर सरकार ने आज इसमें छूट देने का फैसला लिया है।

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