हिमाचल में बारिश का कहर, 338 सड़कें और 488 बिजली ट्रांसफार्मर बंद

हिमाचल प्रदेश के कई भागों में भारी बारिश से व्यापक नुकसान हुआ है। राज्य में जगह-जगह भूस्खलन से सोमवार सुबह 10:00 बजे तक चार नेशनल हाईवे व 338 सड़कें यातायात के लिए बंद थीं। सबसे ज्यादा सड़के शिमला, मंडी, कुल्लू व चंबा जिले में बाधित हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में 488 बिजली ट्रांसफार्मर व 116 जल आपूति योजनाएं प्रभावित हैं। इससे कई इलाकों में बिजली व पानी का संकट पैदा हो गया है। पंजाब के जेजों गांव में रविवार सुबह करीब 10:00 बजे एक इनोवा कार खड्ड के तेज बहाव में बह गई थी। इससे कार में सवार ऊना के नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लापता हैं। एक युवक को स्थानीय लोगों ने बचा लिया। एक अन्य हादसे में भारी बारिश के चलते ऊना के टाहलीवाल में बाथड़ी खड्ड में दो बहनों समेत तीन बच्चियों की बहने से मौत हो गई।

कई भागों में हुई भारी बारिश
उधर, बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के अधिकतर भागों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। नंगल बांध क्षेत्र में 115.0, कसौली 87.0, ऊना 86.0, श्रीनयना देवी 82.2, ओलिंडा 79.0, जटोन बैराज 75.4, बीबीएमबी 73.0, नादौन 72.5, पांवटा साहिब 62.0, सुजानपुर टीहरा 60.6, धौलाकुआं 56.5, धर्मशाला 21.2, पालमपुर 46.2, सोलन 31.2, हमीरपुर 29.5 व धौलाकुआं में 26.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।

छह दिनों तक भारी बारिश का येलो अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य के कई भागों में आज से 18 अगस्त तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। शिमला में भी मौसम खराब बना हुआ है। बरसात को देखते हुए  स्थानीय लोगों व पर्यटकों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है। लोगों को अपनी यात्रा मौसम की स्थिति को देखते हुए तय करने को कहा गया है। सिरमौर, सोलन, शिमला व कांगड़ा में आगामी दो दिनों के दौरान भारी बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार चार से पांच दिनों को प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। 

चार फीट धंस गया फोरलेन का सौ मीटर हिस्सा
 बरसात के कहर से एक बार फिर चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग को भारी क्षति पहुंच रही है। पंडोह डैम के कैंची मोड़ से कुल्लू के दयोड में 500 मीटर की दूरी पर एक तरफ सड़क लगभग 4 फुट नीचे ब्यास की ओर धंस गई। करीब 100 मीटर यह सड़क पूरी तरह से धंस जाने से एक लेन सड़क बंद हो गई।  बारिश के चलते यहां पर भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।

उधर, एनएचएआई की जेसीबी पहाड़ से गिरे मलबे को हटाने में लगी है। ऐसी आशंका है कि अधिक मलबे के भार से यह सड़क जल्द ही ब्यास में गिर जाएगी। बता दें कि पिछली बरसात में भी यही प्वाइंट धंसा था, मगर तब बहुत कम दरारें थीं, मगर इस बार दरारें खाई बन गई हैं। उधर,  कैंची मोड़ जहां से फोरलेन शुरू होता है, वहां पर भी सड़क पर एक तरफ मलबा आ गिरा है। पहाड़ी पर बने घरों को भी खतरा बन गया है। इस जगह भी यातायात वनवे ही है। 

कहां कितना न्यूनतम तापमान
शिमला में न्यूनतम तापमान 17.6, सुंदरनगर 21.2, भुंतर 20.6, कल्पा 14.8, धर्मशाला 17.6, ऊना 20.4, नाहन 23.2, पालमपुर 17.5, सोलन 9.5, मनाली 16.8, कांगड़ा 20.2, मंडी 21.3, बिलासपुर 23.6, हमीरपुर 22.8, चंबा 21.9, जुब्बड़हट्टी 19.2, कुफरी 15.2, नारकंडा 13.2, रिकांगपिओ 18.3, पांवटा साहिब, देहरा गोपीपुर 26.0 व सैंज में 19.8  डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

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