दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी की गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं और कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। शुक्रवार को जम्मू और श्रीनगर में आप सदस्यों और समर्थकों ने भाजपा और ईडी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। जम्मू में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

वहीं, श्रीनगर के प्रेस क्लब के बाहर दिल्ली के सीएम की गिरफ्तारी का विरोध जताने के लिए एकत्रित हुए आप नेताओं को भी पुलिस ने तितर-बितर कर दिया। साथ ही कुछ नेताओं को एहतियातन हिरासत में भी लिया गया है।

Arvind Kejriwal Arrest: Aam Aadmi Party protest in Jammu and Srinagar police detained leaders

कथित शराब नीति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार रात दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया। केजरीवाल पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें पद पर रहते हुए किसी एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया है। केजरीवाल से पहले कई मुख्यमंत्री अरेस्ट हुए, लेकिन जेल जाने से पहले उन्होंने अपनी कुर्सी किसी दूसरे नेता को सौंप दी थी। 

आपको बता दें कि इसी वर्ष 31 जनवरी को कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने झारखंड के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से सोरेन जेल में हैं। सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झामुमो ने मुख्यमंत्री पद की कमान पार्टी के दिग्गज नेता चंपई सोरेन को सौंप दी गई थी। 

Arvind Kejriwal Arrest: Aam Aadmi Party protest in Jammu and Srinagar police detained leaders

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा 400 सीटों से अधिक जीतने की बात कर रही है, लेकिन पार्टी में फिर भी घबराहट नजर आ रही है। इसलिए अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया और यह पहला या आखिरी मामला नहीं है। 

उधर, महबूबा मुफ्ती ने कहा कि दिल्ली के सीएम की मनमाने ढंग से की गई गिरफ्तारी से राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई नजर आ रही है। महबूबा ने कहा, 'ईडी द्वारा एक और मुख्यमंत्री की मनमाने ढंग से की गई गिरफ्तारी से राजनीतिक प्रतिशोध और बढ़ते अधिनायकवाद की गंध आ रही है। इस कायरतापूर्ण कृत्य ने सत्तारूढ़ दल की आशंकाओं को उजागर कर दिया है कि अब चुनाव होने से पहले ही उनमें हेरफेर करके हताशापूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इतिहास गवाह है कि एकीकृत प्रतिरोध के सामने अत्याचार कभी हावी नहीं हो पाया है। हम डरेंगे नहीं।