जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है। सुरक्षाबलों को बसंतगढ़ में तीन से चार आंतकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। सेना और पुलिस की संयुक्ति टीम ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है। फिलहाल दोनों ओर से गोलीबारी जारी है।
किश्तवाड़ में पहरा दे रहे सुरक्षाबलों पर आतंकी हमला, छह घंटे बंद रही मचैल यात्रा
किश्तवाड़ शहर से 40 किलोमीटर दूर किश्तवाड़-पाडर मार्ग पर नवनटु में तैनात सुरक्षाबलों पर रात 10 बजे आतंकियों ने गोलीबारी कर दी। जवानों ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए सुबह तक रुक-रुककर गोलीबारी की। हमले में कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन सुबह 5 बजे से 11 बजे तक मचैल माता यात्रा को छह घंटे तक रोकना पड़ा।
आतंकियों की तलाश में सुरक्षाबलों ने सुबह तलाशी अभियान चलाया, लेकिन दोपहर तक कोई सफलता नहीं मिली। दोपहर बाद मचैल माता यात्रा को फिर से चालू कर दिया गया। हमले की सूचना के बाद एसएसपी सहित सैन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। किश्तवाड़ और गुलाबगढ़ दोनों तरफ वाहनों को आने-जाने की इजाजत नहीं मिली। जिला प्रशासन की तरफ से सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सुबह जांच के दौरान गोलियों के खोल भी मिले हैं।सेना के दो जवान बलिदान
इससे पहले शनिवार को 10,000 फीट की ऊंचाई पर अनंतनाग जिले के अहलान गगरमांडू वन क्षेत्र में आतंकवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ में सेना के दो जवान बलिदान हो गए और दो नागरिक घायल हो गए। यह गोलीबारी शनिवार शाम को सुरक्षाबलों की ओर से शुरू किए गए घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान शुरू हुई, जो खुफिया रिपोर्टों के आधार पर शुरू किया गया था।कोकरनाग बेल्ट के सुदूर अहलान गगरमांडू जंगल में आतंकवादियों की मौजूदगी के संकेत मिले थे। आतंकवादियों के एक समूह ने पैरा कमांडो और स्थानीय पुलिस सहित सेना के जवानों के संयुक्त तलाशी दलों पर गोलीबारी की। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में छह सैन्यकर्मी और दो नागरिक घायल हो गए थे। घायल जवानों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने के कुछ ही देर बाद दो जवान ने दम तोड़ दिया था। मारे गए सैन्यकर्मियों की पहचान हवलदार दीपक कुमार यादव और लांस नायक प्रवीण शर्मा के रूप में हुई है। इलाके में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं और आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें मार गिराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। यह मुठभेड़ पिछले साल सितंबर में कोकरनाग के सामान्य इलाके में हुए इसी तरह के अभियान की याद दिलाती है, जिसमें कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और डिप्टी एसपी हुमायूं भट सहित चार सुरक्षाकर्मी आतंकवादियों के साथ एक सप्ताह तक चली मुठभेड़ में मारे गए थे।उस अभियान के दौरान लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक वरिष्ठ कमांडर सहित दो आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था। 15 जुलाई को डोडा जिले में हुई मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने कोकरनाग के जंगलों में अपने अभियान तेज कर दिए हैं। मुठभेड़ में एक कैप्टन समेत चार जवान बलिदान हो गए थे।