नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के नेता फारूक अब्दुल्ला ने असम में चल रही घटनाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि “समय के साथ सब कुछ बदल जाएगा। कुछ भी स्थायी नहीं है। अच्छे समय फिर से आएंगे। उन्होंने असम सरकार से आग्रह किया है कि वह ऐसी गतिविधियों में न उलझे और भारत की संस्कृति और भाईचारे को बनाए रखने का प्रयास करे। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत एक संघीय संरचना है जिसमें हर राज्य की अपनी संस्कृति और धर्म है। उन्होंने जोर दिया कि भारत की विविधता को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है और सभी धर्मों की रक्षा की जानी चाहिए।
इस दौरान, अब्दुल्ला ने पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा एनसी पर जमात-ए-इस्लामी चुनाव विवाद को लेकर किए गए हमलों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा ईश्वर उन्हें आशीर्वाद दे। उन्हें अपनी राह पर चलने और देश की सुरक्षा पर ध्यान देने की सलाह देते हैं। एक-दूसरे पर हमला करने से कुछ भी हासिल नहीं होगा। महबूबा मुफ्ती को इस तरीके को छोड़ देना चाहिए।”
फारूक अब्दुल्ला ने जमात-ए-इस्लामी की फिर से चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी की सराहना की और उन्हें बधाई दी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों की भागीदारी लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है। और यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है। अब्दुल्ला के इस बयान ने असम और जम्मू-कश्मीर में विभिन्न राजनीतिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर चल रही चर्चा में एक नई दिशा दी है। और यह संदेश दिया है कि समाज में सामंजस्य बनाए रखना और आपसी समझ को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है।