जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान पंजाब के दो सैनिक शहीद हो गए। रविवार को उनके पार्थिव शरीर उनके गृह गांव पहुंच गए। लुधियाना जिले के मानुपुर गांव से लांसनायक प्रीतपाल सिंह (29) का शव घर पहुंचते ही मातम फैल गया। परिवार के सदस्यों की आंखें नम थीं, खासकर उनकी पत्नी और मां की व्यथा ने सभी का दिल छलनी कर दिया। भाई मनप्रीत सिंह भी गहरे सदमे में थे और सेना की गाड़ी पर लगे भाई की तस्वीर को कसकर पकड़ रो रहे थे। गांव के लोग परिवार को सांत्वना देते हुए उन्हें संभालने लगे। सैन्य सम्मान के साथ प्रीतपाल सिंह का अंतिम संस्कार गांव के श्मशान घाट पर किया गया।
अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए और ‘प्रीतपाल अमर रहे’ के नारे से पूरा गांव गुंजायमान रहा। लोग मानते हैं कि उनका यह वीर पुत्र भले ही अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन उसकी शहादत आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति का संदेश देती रहेगी।
इस अवसर पर आम आदमी पार्टी के विधायक जगतार सिंह दयालपुरा, उपमंडल मजिस्ट्रेट रजनीश अरोड़ा, एसपी तेजवीर सिंह हुंदल सहित जिला प्रशासन और भारतीय सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। एसडीएम ने प्रीतपाल की पत्नी मनप्रीत कौर, माता-पिता और अन्य परिजनों से मिलकर दुख प्रकट किया और कहा कि पंजाब सरकार एवं जिला प्रशासन परिवार की हर संभव मदद के लिए तत्पर हैं। उन्होंने बलिदान को धर्म, जाति या क्षेत्र तक सीमित नहीं मानते हुए इसे पूरे समाज के लिए प्रेरणा बताया।
प्रीतपाल सिंह ने वर्ष 2015 में भारतीय सेना में भर्ती होकर अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाया। उनके चाचा और ताया भी सेना से सेवानिवृत्त हैं। गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि प्रीतपाल बचपन से सेना में सेवा करने का सपना देख रहे थे। शादी के बाद भी उनका देश के प्रति समर्पण अडिग रहा। उनके मित्र बताते हैं कि वह हंसमुख, मददगार और बहादुर थे। ऑपरेशन पर जाते समय उन्होंने परिवार को हिम्मत देते हुए कहा था, “चिंता मत करना, मैं जल्दी लौटूंगा।”
शहीद की खबर सुनते ही पूरे इलाके में शोक छा गया। परिवार, रिश्तेदार और ग्रामीण शोक संतप्त थे। उनकी पत्नी मनप्रीत कौर गुमसुम बैठी थीं, जिनके हाथों की मेहंदी और लाल चूड़ा देखकर लोग भावुक हो गए। गांव में एक ही चर्चा थी कि उनका लाल देश के लिए शहीद हो गया।
पंजाब सरकार ने भी शहीदों के सम्मान में घोषणा की है कि प्रीतपाल सिंह और मंडी गोबिंदगढ़ के हरमिंदर सिंह के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले इन जवानों की बहादुरी को हर कोई सलाम कर रहा है।