जम्मू संभाग के जिला कठुआ के राजकीय मेडिकल अस्पताल (जीएमसी) में मंगलवार की देर रात गैंगस्टरों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ में एक गैंगस्टर मारा गया। फायरिंग में एक एएसआई गंभीर रूप से घायल हुआ। उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। पीएसआई दीपक शर्मा इस मुठभेड़ में बलिदान हो गए हैं। उनका पुष्पांजलि समारोह आज सुबह 1100 बजे डीपीएल सांबा में आयोजित किया जाएगा।

गोलीबारी में घायल होने वाले दूसरे पुलिस कर्मी की पहचान 40 वर्षीय एसपीओ अनिल कुमार के तौर पर हुई है। जोकि, सांबा के रामगढ़ थाने में तैनात हैं। अनिल कुमार रामगढ़ का ही रहने वाले हैं।

जानकारी के मुताबिक, थाना रामगढ़ (जिला सांबा) की पुलिस पार्टी एक हत्या के मामले में वांछित एक अपराधी वासुदेव उर्फ शुन्नू निवासी रामगढ़ (सांबा) को गिरफ्तार करने के लिए जीएमसी कठुआ आई थी। जब पीएसआई दीपक शर्मा ने आरोपी को पकड़ने की कोशिश की, तो उसने पिस्तौल से गोली चला दी, जिसमें पीएसआई दीपक शर्मा के सिर में गोली लग गई।

पुलिस पार्टी द्वारा आत्मरक्षा में की गई जवाबी कार्रवाई में अपराधी वासुदेव उर्फ शुन्नू मारा गया। घायल पीएसआई दीपक को इलाज के लिए अमनदीप अस्पताल पठानकोट में भर्ती कराया गया। जहां उनका निधन हो गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटनास्थल से पुलिस को एक चीनी पिस्तौल बरामद हुई है। कठुआ पुलिस द्वारा मामले जांच की जा रही है।

उपराज्यपाल ने दीपक शर्मा की वीरता को किया सलाम

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पीएसआई दीपक शर्मी की वीरता को सलाम किया है और उनके परिवार के साथ संवेदना व्यक्त की है। उपराज्यपाल ने कहा, 'मैं पीएसआई दीपक शर्मा की वीरता और अदम्य साहस को सलाम करता हूं, जिन्होंने कठुआ में एक मोस्ट वांटेड गैंगस्टर को बहादुरी से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनका सर्वोच्च बलिदान हमारे दिलों में अंकित रहेगा। शहीद दीपक शर्मा के परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं हैं।' उन्होंने कहा कि देश शहीद के परिवार के साथ एकजुटता से खड़ा है। हमारे वीर शहीदों के खून की हर बूंद का बदला लिया जाएगा और सरकार भयमुक्त जम्मू-कश्मीर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

डीजीपी बोले- दीपक शर्मा की वीरता करती रहेगी प्रेरित

डीजीपी आरआर स्वैन ने पीएसआई दीपक शर्मा की बहादुरी और अटूट साहस की सराहना की। डीजीपी ने कहा कि पीएसआई दीपक शर्मा के सर्वोच्च बलिदान को राष्ट्र और विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के लोग हमेशा याद रखेंगे। जेके पुलिस परिवार की ओर से और व्यक्तिगत रूप से डीजीपी ने बलिदानी दीपक शर्मा के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, ' जम्मू-कश्मीर पुलिस शहीद के परिवार के समर्थन में एकजुट है, जिनकी प्रतिबद्धता और वीरता हमें प्रेरित करती रहेगी।'

Police clash with miscreants in Kathua one PSI martyr and gangster killed in shootout

उधर, मौके पर यह चर्चा रही कि गैंगस्टर के बारे में पुलिस ने जानकारी जुटाई थी कि वह किसी काम से जीएमसी आने वाला है। इसके मद्देनजर पुलिस ने पहले से ही वहां घेराबंदी कर रखा था। सटीक सूचना के आधार पर पुलिस टीम जैसे ही गाड़ी से उतरी तो उसमें सबसे पहले दीपक बाहर आया। बदमाश दीपक को पहचानते थे। इसी दौरान उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। 

मामले की सूचना मिलते ही एसएसपी कठुआ शिवदीप सिंह जम्वाल सहित सभी उच्च अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए। जीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. सुरिंदर अत्री ने बताया कि रात का समय होने के कारण किसी और आम नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा। क्रॉस फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि दो पुलिस जवान घायल हुए।

छावनी में बदला जीएमसी, पुलिस ने की घेराबंदी

जीएमसी में गैंगस्टरों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद जिला पुलिस ने अस्पताल की घेराबंदी कर छावनी में तब्दील कर दिया। एसएसपी शिवदीप सिंह जम्वाल सहित उच्चाधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। इस पूरे प्रकरण में पुलिस ने मीडिया से दूरी बनाए रखी। 

वहीं, जीएमसी में सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर दिए गए हैं। लोकसभा चुनाव का दौर होने के चलते इस मुठभेड़ को लेकर लोगों में भी दहशत बन गई है। गोलियों की आवाज से अस्पताल में भर्ती मरीज और तीमारदार सहम गए। जीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. सुरिंदर अत्री के मुताबिक सब कुछ अचानक हुआ। पुलिस टीम पर हमला करने वाले लोग कहां से आए और क्यों आए, इसके बारे में कुछ जानकारी नहीं है। उक्त हमलावर कहीं भागने के बजाय जीएमसी में क्यों घुसे इसको लेकर भी अभी कोई जानकारी नहीं है।

दिन में वारदात होती तो बड़ा नुकसान उठाना पड़ता

जीएमसी कठुआ में रोजाना 1500 के करीब ओपीडी है। रोजाना यहां दो हजार से अधिक लोगों का आना-जाना रहता है। अगर यही वारदात दिन में हुई होती तो बड़ा नुकसान हो सकता था। रात का समय होने के कारण ओपीडी या मुख्य इमारत के बाहर चंद ही लोग थे, जो गोलीबारी की आवाज सुनकर दुबक गए। इससे बड़ा नुकसान होने से टल गया।