जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर इंतजार खत्म होने वाला है। निर्वाचन आयोग ने 15 अगस्त के बाद इस महीने में अब कभी चुनाव का ऐलान करने के संकेत दिए है। ज्यादा संभव है कि इसकी घोषणा 19 अगस्त के बाद कर दी जाए।

ऐलान करने का संकेत 19 अगस्त के बाद इसलिए भी दिया जा रहा है, क्योंकि राज्य में मौजूदा समय में अमरनाथ यात्रा चल रही है, जो 19 अगस्त को खत्म हो रही है। ऐसे में चुनाव का जो भी ऐलान होगा वह इसके बाद ही होगा।

राज्य के दौरे पर है निर्वाचन आयोग

राज्य के विधानसभा चुनाव के जल्द होने का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि निर्वाचन आयोग इन दिनों चुनावी तैयारियों की जायजा लेने के लिए राज्य के दौरे पर है। आयोग अमूमन किसी राज्य में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने तभी जाता है, जब वह चुनाव कार्यक्रम का ऐलान करने वाला होता है। सूत्रों की मानें तो आयोग राज्य के दौरे से लौटने के बाद तुरंत ही सुरक्षा इंतजामों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ बैठक करेगा, जिसमें वह सुरक्षा बलों की उपलब्धता सहित अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देगा।

वैसे भी आयोग ने हाल ही में तीन साल से अधिक समय से जमें अधिकारियों के तबादले को लेकर जो गाइडलाइन तैयार की है, उनमें जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में तीन साल की अवधि की यह गणना 30 सितंबर 2024 तक की स्थिति में की जाएगी।

प्रत्याशियों की हिफाजत के लिए लगेंगी 900 कंपनियां

आयोग के मुताबिक राज्य में विधानसभा चुनाव कराने के लिए एक सुरक्षा प्रोटोकॉल है, जिसमें चुनावी मैदान में उतरे प्रत्येक प्रत्याशियों की सुरक्षा के लिए एक कंपनी लगाई जाती है। इसमें 120 जवान होते है, जो प्रत्याशियों को घर से लेकर प्रचार के दौरान सुरक्षा देते है। ऐसी स्थिति में यदि एक विधानसभा क्षेत्र से न्यूनतम दस प्रत्याशी भी मैदान में उतरते है तो एक ही विधानसभा में सुरक्षा बलों की दस कंपनियों की तैनाती देनी होती है।

ऐसे में राज्य में मौजूदा समय में 90 विधानसभा सीटें है। जिसके लिए सुरक्षा बलों की 900 कंपनियों की जरूरत होगी, जो सिर्फ प्रत्याशियों को सुरक्षा देगी। इसके अतिरिक्त मतदान केंद्र और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं आदि की सुरक्षा में भी बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती की जरूरत होती है।