मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में राज्य प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रदेश के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की संपत्तियों का ब्योरा जुटा रही है — चाहे वह वैध हो या अवैध। पटवारी ने संविधान की प्रति हाथ में लेकर कहा कि जो अधिकारी संविधान की शपथ लेकर पद ग्रहण करते हैं, वे अब सत्ता के पक्ष में झुकाव दिखा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई वरिष्ठ अधिकारी भाजपा के एजेंट की तरह व्यवहार कर रहे हैं।

"गड्ढों में डूब जाए ऐसी सरकार"

पटवारी ने सड़कों की बदतर स्थिति को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मंत्री कह रहे हैं 'गड्ढे हैं तो सड़कों पर होंगे ही', यह बयान शर्मनाक है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि इस हालत में सरकार को तो खुद गड्ढों में डूबकर मर जाना चाहिए, या फिर स्थाई समाधान तलाशना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अधिकांश मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

विधानसभा सत्र से पहले कांग्रेस का रणनीतिक प्रशिक्षण

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि आगामी विधानसभा सत्र से पहले कांग्रेस विधायकों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें राज्य सरकार के 52 बड़े घोटालों पर चर्चा होगी। इन मुद्दों को विधानसभा में प्रमुखता से उठाया जाएगा।

सिंहस्थ में गड़बड़ी का आरोप

पटवारी ने उज्जैन सिंहस्थ को लेकर भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आयोजन के नाम पर कुछ चुनिंदा कंपनियों को सीधे ठेके देने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि यह सारा लाभ गुजरात और हैदराबाद की कंपनियों को दिया जा रहा है, और प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है।

रोजगार और भ्रष्टाचार पर श्वेत पत्र लाने की तैयारी

पटवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जल्द ही रोजगार और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर श्वेत पत्र लाएगी। उन्होंने सवाल किया कि 2013 से अब तक राज्य में कितने युवाओं को रोजगार मिला है? उन्होंने मांग की कि इन्वेस्टर समिट को लेकर भी सरकार को सफाई देनी चाहिए।

प्रशासनिक अधिकारियों पर सवाल

पटवारी ने अशोकनगर के कलेक्टर और एसपी के रवैये पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अफसरों की भाषा और व्यवहार जनसेवक जैसे नहीं रह गए हैं। कलेक्टर कभी किसी को थप्पड़ मार रहा है, तो कभी जनता को ‘औकात’ दिखा रहा है।

"छात्रवृत्तियों में देरी, आदिवासी ज़मीनों की बिक्री और जल योजनाओं में घोटाले"

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिल रही और आदिवासियों की ज़मीन गैर-आदिवासियों को बेची जा रही है। उन्होंने 'नल से जल' योजना पर तंज कसते हुए कहा कि यहां 'नल से भ्रष्टाचार' हो रहा है। स्मार्ट मीटर को उन्होंने जबरन वसूली का माध्यम बताया |