पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग लुधियाना से लोकसभा चुनाव जीत गए हैं। इसके बाद से पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान और पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु पर सबकी निगाहें हैं।
हालांकि पूर्व मंत्री के इलाके हल्का पश्चिमी में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। वहां से भाजपा काफी मार्जिन के साथ आगे रही है। जिसके बाद आशु की तरफ से अपने प्रधान की जीत के बाद पूरी तरह से चुप्पी साध ली गई है। राजा वड़िंग की जीत के बाद हुए जश्न में भी आशु नजर नहीं आए। न उन्होंने राजा वड़िंग को सोशल मीडिया के जरिए कोई बधाई दी है। जब राजा वड़िंग पीएयू में जीत के बाद सर्टिफिकेट लेने पहुंचे तो आशु वहां भी मौजूद नहीं थे और उसके बाद वह प्रेस कांफ्रेंस में भी नहीं पहुंचे।
अब पूर्व मंत्री द्वारा सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाल कर अपना दर्द बयान किया गया है। जिसने एक नई चर्चा छिड़ गई है कि अब आशु आगे क्या कदम उठाने वाले हैं।
लुधियाना से दावेदार थे आशु
पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु लोकसभा लुधियाना से टिकट के दावेदार थे, लेकिन पार्टी हाईकमान ने आशु की टिकट काटकर राजा वडिंग को दे दी तब से आशु लगातार नाराज चल रहे हैं। राजा वड़िंग को टिकट मिलने के बाद न तो उस समय आशु ने कोई बधाई दी थी और न ही वह लुधियाना में एंट्री के समय राजा वड़िंग के स्वागत के समय समराला चौक पर पहुंचे थे।
आशु ने भारत नगर चौक पर राजा वड़िंग का स्वागत किया और कुछ समय साथ चलने के बाद वह वहां से चले गए। हालांकि आशु कई बार राजा वडिंग के साथ चुनाव कैंपेन में भी साथ चले और लुधियाना में राहुल गांधी की रैली में भी शामिल हुए थे।
लोकसभा चुनाव में जीत के बाद पार्टी के जिलाध्यक्ष संजय तलवाड, पूर्व विधायक सुरिंदर डाबर, कुलदीप वैद, कैप्टन संदीप संधू, जस्सी खंगूडा समेत सैकडों पार्टी कार्यकर्ताओं और वर्करों ने जश्न मनाया, वहीं आशु बिल्कुल चुप्पी साध गए।
बुधवार को आशु ने एक पोस्ट डालकर अपने दिल के दर्द को जाहिर किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि रास्ते भी जिद्दी हैं, मंजिलें भी जिद्दी हैं, देखते हैं कल क्या होता है, हौसले भी जिद्दी है। आशु की इस पोस्ट के क्या मायने हो सकते हैं, इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं शहर में चल रही है कि आशु अगला कदम क्या उठाने वाले है।