पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को प्रशांत किशोर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। उन्हें मुख्यमंत्री का प्रधान राजनीतिक सलाहकार नियुक्त किया था। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को यह कहते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी कि ‘सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका से अस्थायी अवकाश लेने के अपने फैसले के मद्देनजर मैं आपके प्रधान सलाहकार के रूप में जिम्मेदारियां संभालने में सक्षम नहीं हूं। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करें।’ 

मुख्यमंत्री ने प्रशांत किशोर को तुरंत प्रभाव से उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त करने के आदेश जारी किया है। उल्लेखनीय है कि 2017 के चुनाव में प्रशांत ने कैप्टन के लिए चुनाव रणनीति तैयार करके पंजाब में कांग्रेस के लिए 10 साल का सत्ता का सूखा दूर करने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा प्रशांत अन्य राजनीतिक दलों भाजपा, आप, जदयू और टीएमसी के साथ ही चुनाव रणनीतिकार के रूप में काम कर चुके हैं। 

नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद प्रशांत किशोर ने पंजाब कांग्रेस के बजाय सोनिया गांधी के दरबार में पैठ बनाने में सफलता हासिल कर ली है। वे इन दिनों कांग्रेस हाईकमान को सलाह देने का काम करने लगे हैं, हालांकि सलाहकार के रूप में उनके नाम का एलान नहीं हुआ है। 

माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर अब 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को मजबूत करने के लिए पार्टी के साथ काम करेंगे। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने प्रशांत किशोर द्वारा स्थापित की गई कंपनी आई-पैक के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव तक अपने अनुबंध को बनाए रखने का फैसला किया है।