देशभर में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 556वीं जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है, और इस अवसर पर विशेष रूप से गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है। कई श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित गुरु नानक देव के जन्मस्थान ननकाना साहिब भी पहुंचे, हालांकि पाकिस्तान सरकार ने 14 श्रद्धालुओं को प्रवेश देने से इंकार कर दिया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2,100 श्रद्धालुओं को ननकाना साहिब जाने की अनुमति दी थी, लेकिन 14 श्रद्धालुओं को पाकिस्तानी सीमा पर प्रवेश से रोका गया। इस्लामाबाद का कहना है कि ये श्रद्धालु सिख धर्म से नहीं जुड़े थे, इस कारण उन्हें गुरुद्वारे में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
1,900 श्रद्धालु वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान पहुंचे
मंगलवार को वाघा बॉर्डर से 1,900 भारतीय श्रद्धालुओं ने पाकिस्तान की यात्रा शुरू की, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद से दोनों देशों के बीच अब तक की सबसे बड़ी संख्या में यात्रा करने वाले लोग थे। हालांकि, इन यात्रियों में से 14 ऐसे लोग थे, जो पहले पाकिस्तान के नागरिक थे, लेकिन बाद में भारतीय नागरिकता प्राप्त कर चुके थे। इन 14 श्रद्धालुओं को पाकिस्तान में सिख धर्म के अनुयायी नहीं मानते हुए प्रवेश से वंचित कर दिया गया। पाकिस्तान के अधिकारियों ने इनसे कहा, "आप हिंदू हैं, इसलिए आप सिख श्रद्धालुओं के साथ ननकाना साहिब नहीं जा सकते।"
शेष 300 लोग जिन्होंने पाकिस्तान का वीजा लिया था, उन्हें गृह मंत्रालय की अनुमति प्राप्त नहीं थी, इसलिए उन्हें भी बॉर्डर से वापस लौटा दिया गया।
10 दिनों तक पाकिस्तान में रहेंगे भारतीय श्रद्धालु
गुरु नानक देव की जयंती के मुख्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पाकिस्तान गए भारतीय श्रद्धालु 10 दिनों तक वहां रहेंगे। इस दौरान, उन्हें गुरुद्वारा पंजा साहिब हसन अब्दाल, गुरुद्वारा सच्चा सौदा फारुकाबाद और गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जैसी पवित्र जगहों की यात्रा करवाई जाएगी। लाहौर से 80 किलोमीटर दूर स्थित गुरु नानक देव के जन्मस्थान पर जयंती का आयोजन विशेष रूप से होगा।