पंजाब को नशामुक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एक अहम पहल की है। अब सरकारी स्कूलों में नशे के खिलाफ विशेष पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा, ताकि बच्चों को शुरुआत से ही इसकी बुराइयों से अवगत कराया जा सके। शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फजिल्का के स्कूल ऑफ एमिनेंस से इस अभियान की शुरुआत की। इस मौके पर मौजूद लोगों ने नशा न करने और इसके खिलाफ खड़े होने की शपथ भी ली।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि यह पहल सिर्फ पंजाब ही नहीं, पूरे देश के लिए एक मिसाल बनेगी। उन्होंने बताया कि राज्य के 3500 सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए यह पाठ्यक्रम लागू किया गया है। इसके ज़रिये बच्चों को नशे के दुष्परिणामों के बारे में बताया जाएगा ताकि वे गलत संगत या दबाव में आकर नशे की ओर न झुकें। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को नशे से नहीं, बल्कि अपने ज्ञान और मेहनत से पहचाना जाना चाहिए।
नशा तस्करों पर कड़ी कार्रवाई
केजरीवाल ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद राज्य में नशे के खिलाफ निर्णायक अभियान शुरू हुआ है। पिछले पांच महीनों में 23,000 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं और 15,000 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि नशा बेचने वालों की संपत्तियों को जब्त कर सरकार स्कूल और अस्पताल बना रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि नशा तस्करों की महंगी संपत्तियों पर अब बुलडोजर चलाए जा रहे हैं, जबकि पहले की सरकारें इन पर कार्रवाई से कतराती थीं। नशे के खिलाफ यह लड़ाई अब एक जन आंदोलन का रूप ले चुकी है, जिसमें 10,000 से अधिक गांवों ने भाग लिया है।
बच्चों की ज़िंदगी बचाने की कोशिश
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं की ज़िंदगी बचपन में ही सही दिशा देने से सुधारी जा सकती है। उन्होंने बताया कि नशा मुक्ति केंद्रों में कई किशोरों ने बताया कि वे रोज़ाना हजारों रुपये का नशा कर रहे थे, जिसके लिए उन्हें चोरी और अपराध की ओर झुकना पड़ा। केजरीवाल ने बच्चों से अपील की कि वे ऐसे जाल में न फंसें।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने शिक्षा को नजरअंदाज किया, लेकिन अब राज्य सरकार का पूरा तंत्र यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि हर बच्चा अच्छी शिक्षा पाए। अच्छी शिक्षा ही उन्हें नशे से दूर और भविष्य की ओर अग्रसर कर सकती है।
सीएम भगवंत मान ने विपक्ष पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों की हालत अब सुधर रही है और लोग निजी स्कूलों से बच्चों को निकालकर सरकारी संस्थानों में दाखिला करवा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा की सरकारों की नीतियों ने पंजाब को नशे की दलदल में धकेला। मान ने कहा कि अब नशे के खिलाफ पंचायतें प्रस्ताव पारित कर रही हैं और स्कूली शिक्षा में जागरूकता लाकर इस लड़ाई को मजबूती दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि नशा तस्करी से संबंधित जानकारी देने के लिए सरकार ने व्हाट्सएप नंबर 97791-00200 जारी किया है, जिस पर सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। साथ ही, नशा छोड़ चुके युवाओं के पुनर्वास के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।