“सिटी ब्यूटीफुल” के नाम से प्रसिद्ध चंडीगढ़ को यह पहचान केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि नागरिकों की जागरूकता और संकल्प से भी मिली है। इस सोच को जीवंत उदाहरण में बदलते हैं 87 वर्षीय सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी इंदरजीत सिंह सिद्धू, जो आज भी हर दिन स्वच्छता को अपना कर्तव्य मानते हैं।
चंडीगढ़ के सेक्टर-49 में रहने वाले सिद्धू पूर्व डीआईजी (सीआईडी), पंजाब पुलिस रह चुके हैं। इस उम्र में भी वह सुबह-सुबह झाड़ू लेकर अपने क्षेत्र की सफाई करते नजर आते हैं। वे मानते हैं कि जब तक शरीर साथ देगा, वे यह सेवा जारी रखेंगे।
उनका कहना है, “शहर को साफ रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है, लेकिन पढ़े-लिखे लोग भी सड़क पर गंदगी फैलाते हैं। महंगी गाड़ियां चलाने वाले भी कचरा सड़क पर फेंक देते हैं, जो बेहद निराशाजनक है।”
इंदरजीत सिंह सेक्टर-49 स्थित आईएएस/आईपीएस सोसाइटी में रहते हैं। कई बार लोग उन्हें सड़क से कचरा उठाते देखकर वीडियो बना लेते हैं, लेकिन शायद ही किसी को पता होता है कि वह एक उच्च पद से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं।
स्वच्छता रैंकिंग में सुधार, लेकिन संतुष्टि नहीं
सिद्धू का मानना है कि चंडीगढ़ को स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में भले ही दूसरा स्थान मिला हो, लेकिन शहर को शीर्ष पर होना चाहिए। वे कहते हैं, “बचपन में सिखाया गया था कि स्वच्छता ईश्वर की भक्ति के बराबर है, लेकिन आज लोग उसे नज़रअंदाज़ कर रहे हैं।”
आनंद महिंद्रा ने की सराहना
देश के जाने-माने उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी सिद्धू के समर्पण की प्रशंसा की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि 87 साल की उम्र में भी हर सुबह सफाई करना सिद्ध करता है कि सेवा की कोई उम्र नहीं होती। उन्होंने सिद्धू को कर्तव्यनिष्ठा और प्रेरणा का प्रतीक बताया।
जानिए कौन हैं इंदरजीत सिंह सिद्धू
पंजाब के संगरूर जिले के बुगरा गांव से ताल्लुक रखने वाले सिद्धू ने 1963 में पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन के जरिए पुलिस सेवा में प्रवेश किया। 1981 में वह आईपीएस पद पर प्रमोट हुए और आतंकवाद के दौर में अमृतसर में बतौर सिटी एसपी तैनात रहे। बाद में डीआईजी सीआईडी के रूप में चंडीगढ़ में सेवा दी और 1996 में सेवानिवृत्त हुए। उनकी पत्नी का निधन 2023 में हुआ था, बेटा अमेरिका में और बेटी मोहाली में रहती हैं।