लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में मतदाता सूची को लेकर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की तैयारी चल रही है। उन्होंने दावा किया कि यूपी में करीब तीन करोड़ मतदाताओं के नाम हटाए जाने की योजना बनाई जा रही है।
फिल्म ‘120 बहादुर’ का प्रदर्शन देखने के बाद मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने सघन मतदाता पुनरीक्षण अभियान पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि भाजपा और चुनाव आयोग की ओर से बीएलओ पर दबाव डाला जा रहा है, जिसके चलते मैदान में काम करने वाले अधिकारियों पर अत्यधिक तनाव बढ़ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि “सरकार की नीतियों ने न सोशलिस्ट विचारधारा को छोड़ा है और न ही सेक्युलर मूल्यों को।”
फिल्म से जुड़ी प्रतिक्रिया में अखिलेश ने कहा कि यह फिल्म युवाओं को देश के सैनिकों के साहस और बलिदान से परिचित कराती है। उन्होंने कहा कि अहीर जवानों की वीरता पर सभी को गर्व है और समाजवादी पार्टी उन पहली राजनीतिक पार्टियों में है जिसने अपने घोषणापत्र में अहीर रेजिमेंट की मांग दर्ज की है। उन्होंने कहा कि जिन समुदायों की अपनी रेजिमेंट की मांग है, उनकी बात पर भी केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए।
राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि योगी सरकार द्वारा बनाए जा रहे डिटेंशन सेंटरों पर भी सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने तंज किया कि “इन्हीं डिटेंशन सेंटरों में 2027 में जनता सरकार को भेजने का काम करेगी।” उनका दावा था कि पीड़ित और उपेक्षित वर्ग बड़ी संख्या में सपा के साथ हैं और 2027 में पीडीए गठबंधन की सरकार बनेगी।
सीमा विवाद के मुद्दे पर अखिलेश ने केंद्र सरकार से स्पष्टता की मांग की। उन्होंने कहा कि मौजूदा कार्यकाल में देश का भूभाग कम हुआ है, इसलिए सरकार को बताना चाहिए कि पहले और वर्तमान में भारत का क्षेत्रफल कितना है। अखिलेश ने कहा कि संविधान जितना मजबूत होगा, लोकतंत्र उतना सशक्त बनेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर के नाम पर करोड़ों लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित करने की कोशिश की जा रही है।