जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त जांच में डॉ. आदिल अहमद के खिलाफ महत्वपूर्ण खुलासे सामने आए हैं। डिजिटल फोरेंसिक जांच में उनके मोबाइल से प्राप्त व्हाट्सएप चैट ने एजेंसियों को सतर्क कर दिया। चैट में डॉ. आदिल ने एक अस्पताल प्रबंधन का हवाला देते हुए आठ लाख रुपये की मांग की थी।
डॉ. आदिल को छह नवंबर को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के कुछ समय बाद ही दिल्ली में एक धमाका हुआ था। डॉ. आदिल ने सहारनपुर के वी-ब्रॉस और फेमस मेडिकेयर अस्पताल में काम किया था। जम्मू–कश्मीर पुलिस और एटीएस द्वारा उनकी गतिविधियों की गहन जांच जारी है।
मोबाइल फोरेंसिक जांच के दौरान कई संदिग्ध चैट, दस्तावेज और डिजिटल फाइलें बरामद हुई हैं, जो उनके कार्यों पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने चैट के टाइम स्टैम्प, लेन-देन से जुड़े डिजिटल ट्रेल और फोन में मौजूद अन्य डेटा की विस्तृत पड़ताल की है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मांगी गई राशि कथित तौर पर अवैध गतिविधियों से जुड़े नेटवर्क को मदद पहुंचाने में इस्तेमाल की गई। अस्पताल प्रबंधन की भूमिका भी जांच के दायरे में है। जांच टीम यह निर्धारित करने में जुटी है कि क्या अस्पताल प्रबंधन को पैसे के वास्तविक इस्तेमाल की जानकारी थी या उन्हें किसी बहाने से गुमराह किया गया।
अस्पताल के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। एटीएस और स्थानीय पुलिस यह भी पता लगा रही है कि राशि बैंकिंग चैनल के जरिए दी गई या नकद भुगतान हुआ। जांच एजेंसियां डॉ. आदिल के नेटवर्क, संपर्कों और वित्तीय गतिविधियों का विश्लेषण कर पूरे मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।